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सरकार ने सराहा रिसर्जेन्ट कोटा आइडिया

locationजयपुरPublished: Nov 04, 2015 03:09:00 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

देश-विदेश में कोचिंग नगरी के रूप में नाम स्थापित होने के बाद अब कोटा
प्रदेश की इकॉनोमी डवलपमेंट में भी अपनी भूमिका निभा सकता है। पिछले दिनों
राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित की गई रिसर्जेंट कोटा समिट में सामने आया
आइडिया राज्य सरकार के समक्ष भी रखा गया है। सरकार ने इस मामले में रुचि
दिखाई है।

देश-विदेश में कोचिंग नगरी के रूप में नाम स्थापित होने के बाद अब कोटा प्रदेश की इकॉनोमी डवलपमेंट में भी अपनी भूमिका निभा सकता है। पिछले दिनों राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित की गई रिसर्जेंट कोटा समिट में सामने आया आइडिया राज्य सरकार के समक्ष भी रखा गया है। सरकार ने इस मामले में रुचि दिखाई है।

चर्चा जयपुर में मंगलवार को हुई। जहां राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के बड़े उद्यमियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य प्रदेश में कंपनी सोश्यल रेस्पांसब्लिटी (सीएसआर) के तहत नई गतिविधियां शुरू करने के विचार लेना, पीपीपी मोड पर चल रहे कार्यों में बदलाव व नवाचार तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार था। इसके तहत कोटा से एलेन कॅरियर इंस्टीट्यूट को भी आमंत्रित किया गया था।

संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी द्वारा यहां निवेश को बढ़ाने के लिए कोचिंग के पूर्व विद्यार्थियों का सम्मेलन आयोजित करने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि कोटा से हजारों की संख्या में आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थी हर वर्ष जा रहे हैं। 15 साल से यह ट्रेण्ड बना हुआ है। कोटा आईआईटी के छह बार टॉपर्स दे चुका है। यहां तक की गूगल के सीईओ के पत्नी अंजलि भी कोटा की हैं और यहीं पढ़ी हुई हैं। ऐसे में क्यों न कोटा में पूर्व कोचिंग विद्यार्थियों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाए।

कोटा के सभी कोचिंग संस्थान मिलकर श्रेष्ठ रहे विद्यार्थियों और देश-विदेश में अच्छे पदों पर कार्य करने वालों को आमंत्रित कर सकते हैं। यही नहीं विद्यार्थियों को सीएसआर के तहत स्टार्टअप के लिए मदद की जा सकती है। स्टार्ट अप करने वाले विद्यार्थियों को आर्थिक मदद के लिए प्रस्ताव दिए जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो विद्यार्थी यहां काम करने और निवेश करने के लिए तैयार होंगे।

माहेश्वरी के इस प्रस्ताव के बाद बैठक में मुख्यमंत्री राजे समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने विद्यार्थियों का डाटा कैसे एकत्रित करेंगे। इसकी क्या संभावनाएं और हो सकती है इस पर चर्चा की। इस बारे में विद्यार्थियों ेसे संपर्क कैसे हो सकेगा, यह भी जानकारी ली।

गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति
माहेश्वरी ने यहां सीएसआर के तहत गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति स्कीम शुरू करने की भी बात कही। इसमें प्रतिभा के आधार पर विद्यार्थियों को कोचिंग करवाई जाए। इसके लिए रहने व खाने का खर्च सरकार उठा सकती है तथा पढ़ाई का खर्च कोचिंग संस्थान वहन कर सकते हैं। निर्धारित मापदण्ड पूरे करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए यह पहल की जानी चाहिए।
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