एसआईएस सिक्योरिटी कंपनी का कर्मचारी बताने वाला युवक रामप्रकाश पुत्र जनक सिंह राजपूत निवासी देवारी उदयपुर दोपहर को उत्कृष्ट विद्यालय अपने दो अन्य साथियों के साथ पहुंचा और स्कूल प्राचार्या जयमंती मिंज को डीईओ का आदेश दिखाते हुए स्कूल में बेरोजगारों को सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी के लिए मार्गदर्शन व रजिस्ट्रेशन के लिए कैम्प लगाए जाने को कहा। इस पर प्राचार्य ने अनुमति दे दी। इसके बाद रामप्रकाश ने दूर-दराज से आए बेरोजगार युवकों को कंपनी के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनसे नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन के रूप में 200 रुपए मांगे। कुछ युवाओं ने रजिस्ट्रेशन के लिए रुपए भी दे दिए। इसी दौरान कुछ युवकों ने उक्त कर्मचारी से कंपनी के बारे में गहराई से पूछताछ की तो कंपनी कर्मचारी जानकारी नहीं दे पाया। इस पर युवकों को उस पर शक हुआ और उन्होंने रुपए वापस करने के लिए हंगामा कर दिया। इस बात की सूचना पर पुलिस स्कूल पहुंच गई और कंपनी के कर्मचारी रामप्रकाश को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। इस मामले में जब स्कूल प्राचार्या से बात की गई तो उनका कहना था कि उक्त कर्मचारी ने जिला शिक्षा अधिकारी का अनुमति दिए जाने वाला पत्र दिखाया था जिसके आधार पर कैम्प लगाने दिया गया।
इधर जिला शिक्षा अधिकारी आरएन नीखरा का कहना है कि यह बात सही है कि कंपनी के कर्मचारी हमारे पास आए थे और स्कूलों में कैम्प लगाए जाने के लिए अनुमति मांगी थी जो उन्हें दी गई थी लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया था। वे अब अपना कैम्प रोजगार ? कार्यालय में लगाएंगे। इसी मामले में थाना प्रभारी रमेश शाक्य का कहना है कि पूछताछ जारी है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कंपनी में भर्ती का मामला सही है या गलत।