संजय 17 साल सेना में नौकरी करने के बाद 31 अगस्त 2016 को रिटायर्ड हुए। ड्राइवर की नौकरी के लिए स्टेशन रोड एनसीसी अफसर प्रशिक्षण अकादमी में आवेदन दिया था। 20 सितंबर 2017 को टेस्ट देने अकादमी पहुंचे, वहां इंद्रजीत से मुलाकात हुई। इंद्रजीत बोला, बिना सिफारिश और पैसों के नौकरी नहीं मिलेगी। उसकी नेता और अधिकारी से पहचान है, उसकी नौकरी लगवा देगा। इसके लिए उसने 4 लाख रुपए मांगे। उसकी बातों में आकर संजय सिंह ने दो लाख इकटï्ठे किए और 2 लाख रिश्तेदार सरवर सिंह से उधार लेकर 25 सितंबर 2017 को वायु नगर स्थित इंद्रजीत को घर जाकर दिए।
उस वक्त इंद्रजीत की पत्नी अंजू भी मौजूद थी। उन्होंने भी कहा, तुम्हारी नौकरी लग जाएगी। नवरात्र में उसे पीतांबरा पीठ लेकर गए, वहां पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह पूजा कर रहे थे। इंद्रजीत ने संजय से कहा कि मैं नौकरी के लिए इनसे बात करता हूं, तुम दूर रहना। पैसों की बात तुम्हारे सामने करेंगे तो नाराज हो जाएंगे। कुछ देर बातचीत के बाद संजय के पास आए और बोले, काम हो जाएगा, लेकिन जब 2018 में रिजल्ट निकला तो संजय का नाम नहीं था।
धमकाकर भगाया
नौकरी न लगने पर संजय ने इंद्रजीत से पैसे मांगे, लेकिन वह टरकाता रहा। दबाव बनाने पर मई 2018 में 90 हजार रुपए दिए। संजय बचे हुए पैसे मांगने उनके गया तो धमकाकर भगा दिया।
कौन है भदौरिया दंपती
आरोपी इंद्रजीत भदौरिया भी आर्मी से रिटायर्ड है। वह सैनिक प्रकोष्ठ में प्रदेश अध्यक्ष भी रहा। पत्नी अंजू समाजवादी पार्टी में महिला जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं। कई बार दंपती के विवादों में नाम सामने आए हैं। इनका पिंटो पार्क पर होटल भी था, जिसमें पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई तब अंजू से पुलिस का झगड़ा भी हुआ था।