scriptचीता पवन हो सकता है मुकुंदरा या मप्र के गांधीसागर शिफ्ट ! | Cheetah Pawan may shift to Mukundara or Gandisagar of MP | Patrika News

चीता पवन हो सकता है मुकुंदरा या मप्र के गांधीसागर शिफ्ट !

locationग्वालियरPublished: Apr 23, 2023 11:36:49 pm

Submitted by:

Avdhesh Shrivastava

लेकिन यदि कूनो से कुछ चीतों को मुकुंदरा या गांधीसागर में शिफ्ट किया जाता है तो इनमें सबसे पहला नाम पवन का होना तय है।

चीता पवन हो सकता है मुकुंदरा या मप्र के गांधीसागर शिफ्ट  !

चीता पवन हो सकता है मुकुंदरा या मप्र के गांधीसागर शिफ्ट !

श्योपुर. कूनो नेशनल पार्क की सीमाएं लांघकर दो बार शिवपुरी के जंगल में पहुंच चुके चीता पवन (ओबान) ने कूनो प्रबंधन और मप्र वन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब पवन को राजस्थान के मुकुंदरा या मप्र के गांधीसागर अभयारण्य में शिफ्ट किया जा सकता है। जिसको लेकर विभागीयस्तर पर चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि इस संबंध में पूरा निर्णय भारत सरकार को करना है, लेकिन यदि कूनो से कुछ चीतों को मुकुंदरा या गांधीसागर में शिफ्ट किया जाता है तो इनमें सबसे पहला नाम पवन का होना तय है।
मुकुंदरा में एक बड़ा फेंसिंग एरिया है और गांधीसागर में फेंसिंग एरिया तैयार किया जा रहा है, ऐसे में पवन को इन दोनों स्थानों में एक जगह शिफ्ट किया जा सकता है, ताकि ये फेंसिंग को लांघकर दूर न जा सके।
बताया गया है कि इसके लिए मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों ने भारत सरकार के अधिकारियों को इस संंबंध में जल्द निर्णय लेने के लिए कहा है। ताकि पवन के बार-बार कूनो की सीमा से बाहर जाने से लगातार मॉनिटरिंग की परेशानी और फिर उसके ट्रेंकुलाइज किया जाकर रेस्क्यू करने की परेशानियां न हो। क्योंकि बार-बार ट्रेंकुलाइज करने से भी चीता स्ट्रेस में हो सकता है।
डेढ़ माह में चार बार निकल चुका है कूनो से बाहर: चीता पवन को बड़े बाड़े से कूनो के खुले जंगल में 11 मार्च को छोड़ा गया था। उसके बाद से 22 अप्रेल तक की स्थिति में ये बीते लगभग डेढ़ माह में चार बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा लांघकर बाहर निकल चुका है। इसमें 3 बार तो ये शिवपुरी जिले के जंगल में पहुंच चुका है, जिसमें इस बार तो ये शिवपुरी के माधवनेशनल पार्क को भी पार कर आगे बढ़ गया था।
इसी से कूनो प्रबंधन और मप्र वन अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है, कि ये ऐसे ही जाता रहा तो क्या होगा?
चीता पवन को शिवपुरी से रेस्क्यू कर कूनो के पालपुर वाले इलाके में छोड़ दिया गया है और चिंता वाली कोई बात नहीं है। अब इसे कहां शिफ्ट करना और कहां रखना है, इसका निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा लिया जाएगा।
प्रकाश कुमार वर्मा, डीएफओ, कूनो नेशनल पार्क
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