बता दें कि मशाल तमिलनाडु के महाबलीपुरम में समापन से पहले 40 दिनों के लिए 75 शहरों की यात्रा करेगी। शतरंज ओलंपियाड में 200 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। शतरंज के ग्रैंडमास्टर विभिन्न चिन्हित स्थानों पर मशाल रिले निकालेंगे। इस वर्ष पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शतरंज निकाय ने शतरंज ओलंपियाड मशाल की स्थापना की, जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है। बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े शतरंज आयोजन का 44 वां संस्करण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक शतरंज ओलिंपियाड का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें 187 देशों से200 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
मध्य प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि शतरंज ओलिंपियाड मशाल इंदौर, भोपाल, उज्जैन, सांची का भ्रमण कर ग्वालियर पहुंची है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने शतरंज ओलिंपियाड मशाल ग्वालियर के 16 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ओजस्व सिंह को सौंपी। इस मौके पर ओजस्वखेल विभाग के कर्मचारियों के साथ एलएनआइपीई से मशाल लेकर ग्वालियर फोर्ट पहुंचे, जहां सेल्फी प्वाइंट पर फोटो सेशन के बाद मशाल रिले इवेंट कंपनी को सौंपी, जिसे वे लेकर शाम को शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
कार्यक्रम के मंच पर एलएनआइपीई के प्रभारी कुलपति प्रो. विवेक पांडे, शहर के वरिष्ठ पूर्व अंतरराष्ट्रीय चेस खिलाड़ी एसके राठौर, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ओजस्व सिंह, शतरंज एसोसिएशन एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष गुरमीत सिंह उपस्थित थे। अब तक कवर किए गए अन्य शहरों में लेह, जम्मू, श्रीनगर, धर्मशाला, शिमला, चंडीगढ़, पटियाला, अमृतसर, पानीपत, गुरूग्राम, कुरूक्षेत्र, देहरादून, हरिद्वार, मेरठ, कानपुर, केवडिय़ा, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, दमन, मुबइ, पुणे, नागपूर, पणजी, भोपाल और इंदौर है।
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