सुरक्षित भारत लौटने पौलेंड के लिए निकले, जाम में फंसे तो चलना पड़ा 20 किमी पैदल
मानिक विलास कॉलोनी में रहने वाले संदीप बामनग्या के बेटे शांतनु बामनग्या यूक्रेन के शहर लवीव की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनके पिता संदीप बामनग्या ने बताया कि बेटे की फ्लाइट 25 फरवरी को कीव से थी, लेकिन हमला होने के बाद फ्लाइट रद्द हो गई। आज बेटे ने लवीव से कैब की और दो साथियों के साथ करीब 90 किलोमीटर दूर पौलेंड जाने के लिए निकल गया था, लेकिन 70 किलोमीटर जाने के बाद यहां लंबा जाम लगा मिला। इसके बाद बेटे ने 20 किलोमीटर पैदल आगे का रास्ता तय कर रहा है। अभी कुछ देर पहले उससे बात हुई थी, वह सुरक्षित है। एक बार पौलेंड पहुंच जाए तो वह आसानी से भारत आ जाएगा। हालांकि शांतनु की मां अर्चना बामनग्या लगातार टीवी पर नजर गड़ाए हुए है और बार-बार बेटे को कॉल करके उसकी खैरियत पूछ रही हैं। संदीप कहते हैं कि अब तो हमें तभी चैन मिलेगा, जब बेटा ग्वालियर आ जाएगा।
मानिक विलास कॉलोनी में रहने वाले संदीप बामनग्या के बेटे शांतनु बामनग्या यूक्रेन के शहर लवीव की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनके पिता संदीप बामनग्या ने बताया कि बेटे की फ्लाइट 25 फरवरी को कीव से थी, लेकिन हमला होने के बाद फ्लाइट रद्द हो गई। आज बेटे ने लवीव से कैब की और दो साथियों के साथ करीब 90 किलोमीटर दूर पौलेंड जाने के लिए निकल गया था, लेकिन 70 किलोमीटर जाने के बाद यहां लंबा जाम लगा मिला। इसके बाद बेटे ने 20 किलोमीटर पैदल आगे का रास्ता तय कर रहा है। अभी कुछ देर पहले उससे बात हुई थी, वह सुरक्षित है। एक बार पौलेंड पहुंच जाए तो वह आसानी से भारत आ जाएगा। हालांकि शांतनु की मां अर्चना बामनग्या लगातार टीवी पर नजर गड़ाए हुए है और बार-बार बेटे को कॉल करके उसकी खैरियत पूछ रही हैं। संदीप कहते हैं कि अब तो हमें तभी चैन मिलेगा, जब बेटा ग्वालियर आ जाएगा।
सूमी में रूस के टैंकर नहीं रोके गए, वे बिना नुकसान पहुंचाए निकल गए
रतन कॉलोनी निवासी शाहिद अली ने बताया कि उनकी बेटी अलीशा खान सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। 26 मई को उसके फायनल एग्जाम होने थे। हम लगातार बेटी से फोन पर बात कर रहे हैं और उसे हालचाल पता कर रहे हैं। उसने बताया है कि पौलेंड बॉर्डर के लिए बच्चों को रवाना किया जा रहा है। पहले यूक्रेन के कीव, खारकीव के बच्चों को यहां से निकाला जाएगा। यूनिवर्सिटी की ओर से बेटी को भारत जाने के लिए तैयारियां रखने के लिए कहा है, बेटी फिलहाल दूसरे बच्चों के साथ एक फ्लेट में है। उसने बताया है कि सूमी में किसी तरह का कोई विरोध नहीं है। सूमी में रशिया के टैंकर को रोका भी नहीं गया, वे वहां से ऐसे ही निकल गए। सेवढ़ा में तहसीलदार के पद पर कार्यरत शाहिद अली ने आगे बताया कि हमने बेटी को खाने-पीने का सामान पहले से ही जुटाने के लिए बोल दिया था, इसलिए उसने करीब आठ दिन का सामान अपने पास रख लिया था। वहां एटीएम से रुपए निकालने के लिए भी लोग काफी परेशान हो रहे हैं। बेटी के साथ यहां के और भी बच्चे हैं। बेटी ने बताया था कि सूमी में अलग-अलग देशों के करीब 600 बच्चे हैं। मेरे साथ-साथ परिवार के सभी लोग इसी चिंता में है कि कैसे भी करके बेटी सकुशल घर वापस लौट आए।
रतन कॉलोनी निवासी शाहिद अली ने बताया कि उनकी बेटी अलीशा खान सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। 26 मई को उसके फायनल एग्जाम होने थे। हम लगातार बेटी से फोन पर बात कर रहे हैं और उसे हालचाल पता कर रहे हैं। उसने बताया है कि पौलेंड बॉर्डर के लिए बच्चों को रवाना किया जा रहा है। पहले यूक्रेन के कीव, खारकीव के बच्चों को यहां से निकाला जाएगा। यूनिवर्सिटी की ओर से बेटी को भारत जाने के लिए तैयारियां रखने के लिए कहा है, बेटी फिलहाल दूसरे बच्चों के साथ एक फ्लेट में है। उसने बताया है कि सूमी में किसी तरह का कोई विरोध नहीं है। सूमी में रशिया के टैंकर को रोका भी नहीं गया, वे वहां से ऐसे ही निकल गए। सेवढ़ा में तहसीलदार के पद पर कार्यरत शाहिद अली ने आगे बताया कि हमने बेटी को खाने-पीने का सामान पहले से ही जुटाने के लिए बोल दिया था, इसलिए उसने करीब आठ दिन का सामान अपने पास रख लिया था। वहां एटीएम से रुपए निकालने के लिए भी लोग काफी परेशान हो रहे हैं। बेटी के साथ यहां के और भी बच्चे हैं। बेटी ने बताया था कि सूमी में अलग-अलग देशों के करीब 600 बच्चे हैं। मेरे साथ-साथ परिवार के सभी लोग इसी चिंता में है कि कैसे भी करके बेटी सकुशल घर वापस लौट आए।
सरकार वापस लेकर आएगी
विंडसर हिल निवासी अजय सिंह के पिता महिपाल सिंह ने बताया कि बेटा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया है। युद्ध के कारण वहां के हालात काफी खराब हो गए हैं। पर मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारी सरकार सभी बच्चों को लाने का भरसक प्रयास कर रही है और मेरा बेटा भी जल्द ही घर वापस लौट आएगा। वैसे हमारी उससे लगातार बात भी हो रही है और वह सुरक्षित है।
विंडसर हिल निवासी अजय सिंह के पिता महिपाल सिंह ने बताया कि बेटा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया है। युद्ध के कारण वहां के हालात काफी खराब हो गए हैं। पर मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारी सरकार सभी बच्चों को लाने का भरसक प्रयास कर रही है और मेरा बेटा भी जल्द ही घर वापस लौट आएगा। वैसे हमारी उससे लगातार बात भी हो रही है और वह सुरक्षित है।