स्कूलों के बच्चे हाथ में ट्रे लेकर उसमें गीता, बाइबिल, कुरान और गुरुग्रंथ रखे हुए थे। उनके साथ ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी थे, जो बिना हेलमेट, तीन सवारी, रेड सिग्नल तोड़े वाले वाहन चालकों को पकडकऱ बच्चों के पास ले जा रहे थे।
बच्चे नियम तोडऩे वालों को बता रहे थे कि अंकल आपका जीवन आपके और परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जानबूझकर इसे खतरे में न डालें। हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाएं। इस समझाइश के बाद जो वाहन चालक जिस धर्म को मानता था, उस धर्म की पवित्र पुस्तक पर हाथ रखवाकर कसम खिलवाई कि आज के बाद ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे।
बच्चे जब पवित्र पुस्तक पर हाथ रखवाकर कसम खिलवा रहे थे तो कुछ वाहन चालक इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू छलक आए। कसम खाने के बाद उन्होंने अपनी गाड़ी वहीं चौराहे पर सडक़ किनारे खड़ी की, फिर बाजार से हेलमेट खरीदकर लाए और उसे पहनने के बाद ही गाड़ी चलाकर गए।
हमारा उद्देश्य ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाना। अगर लोग हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग सहित सभी यातायात नियमों का पालन करते हैं तो उनकी ही सुरक्षा है। नियमों का पालन करने से न केवल सडक़ हादसों में मौत का ग्राफ कम होगा, बल्कि ट्रैफिक भी सुधरेगा।
विजय भदौरिया, डीएसपी ट्रैफिक