क्लास रूम में और बढ़ाएंगे सुविधाएं
क्लब के अध्यक्ष हेमंत निगम ने बताया कि एक बार सेंट्रल जेल खिलौने बांटने गए थे। वहां बच्चों की स्थिति देखकर बड़ा अजीब लगा। 4 साल उम्र के बच्चों को गिनती भी नहीं आती थी। तब हमारी टीम ने इन बच्चों को शिक्षित करने का प्लान बनाया और डिप्टी जेलर प्रभात कुमार के सहयोग से एक बैरक हमें मिल गया। हमने रिनोवेट कराकर उसे स्मार्ट क्लास का रूप दिया। अभी हमारी प्लानिंग इसमें और काम कराने की है। मेरी टीम में गजेन्द्र आर्य, आशीष चंदेल, अनूप पांडे, बबीता सेंगर हैं।
महिला कैदी देंगी क्लास
सेंट्रल जेल में बच्चों को शिक्षा देने के लिए बाहर के टीचर का जाना एलाऊ नहीं है। इसलिए लंबे समय से सजा काट रहीं महिला कैदी ही उन्हें शिक्षित करेंगी। समय-समय पर क्लब उन्हें मॉनीटर करेगा। लगभग 5 साल से कम उम्र के यहां लगभग 15 बच्चे हैं।