सम्मेलन में जीआर मेडिकल कॉलेज के शिशु एवं बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ.अजय गौड़ ने कहा कि मानव शरीर में टीके की थोड़ी बहुत प्रतिक्रिया होती ही है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को एमआर टीके जरूर लगवाएं।
शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि जो एमआर टीका लगाया जा रहा है, उसका निर्माण सीरम ऑफ इंडिया पुणे द्वारा किया जाता है। यह वैक्सीन अत्याधुनिक कोल्ड चेन के जरिए वहां तक पहुंचाई जाती है, जहां इसका उपयोग होता है। ऑटो लॉक डिस्पोजल सिरिंज से यह टीका लगाया जाता है, इसलिए किसी प्रकार के संक्रमण की संभावना नहीं रहती। उन्होंने कहा कि भ्रांतियों से दूर रहें और अपने बच्चों को टीके लगवाएं।
मीजल्स-रूबेला के टीके लगने से डबरा में 11बच्चों की तबीयत खराब हुई थी, जिनमें 7 बच्चों को डबरा के सिविल अस्पताल में और ४ को इलाज के लिए केआरएच में रेफर किया था। गुरुवार को शहर के दो निजी स्कूलों के 4 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।