ग्वालियर

एमआर टीके लगने से परेशानी हुई तो बच्चों होगा नि:शुल्क इलाज

एमआर टीके लगने से डबरा और ग्वालियर में डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों के बीमार होने से अभिभावकों में अपने बच्चों को लेकर डर बैठ गया है, इस डर को दूर करने और अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने यह सम्मेलन आयोजित किया था

ग्वालियरJan 19, 2019 / 01:37 am

Rahul rai

एमआर टीके लगने से परेशानी हुई तो बच्चों होगा नि:शुल्क इलाज

ग्वालियर। मीजल्स-रूबेला के टीके लगने से किसी बच्चे की तबीयत खराब होती है तो उसका इलाज नि:शुल्क किया जाएगा। यह बात कलक्टर कार्यालय में मीजल्स-रूबेला अभियान के संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन ने कही। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि डॉक्टर्स स्कूलों में जाकर एमआर टीके के संबंध में जागरूक करेंगे, साथ ही उनकी भ्रांतियां भी दूर करेंगे।
 

एमआर टीके लगने से डबरा और ग्वालियर में डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों के बीमार होने से अभिभावकों में अपने बच्चों को लेकर डर बैठ गया है, इस डर को दूर करने और अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने यह सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें अधिकारियों ने शहर के शिशु रोग विशेषज्ञों को एक मंच पर बुलाकर चर्चा कर कहा कि एमआर टीके से बच्चे को कोई खतरा नहीं है।
 

संवाददाता सम्मेलन में प्रभारी कलक्टर दिनेश श्रीवास्तव तथा बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अजय गौड़, डॉ.सुभाष ढोंडे, डॉ.मानिक चटर्जी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ.एमएस राजावत, अपर जिला दंडाधिकारी संदीप केरकेट्टा, सीएमएचओ डॉ.मृदुल सक्सेना और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने जानकारी दी।
 

शरीर में टीके की प्रतिक्रिया तो होगी
सम्मेलन में जीआर मेडिकल कॉलेज के शिशु एवं बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ.अजय गौड़ ने कहा कि मानव शरीर में टीके की थोड़ी बहुत प्रतिक्रिया होती ही है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को एमआर टीके जरूर लगवाएं।
 

संक्रमण की संभावना नहीं रहती
शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि जो एमआर टीका लगाया जा रहा है, उसका निर्माण सीरम ऑफ इंडिया पुणे द्वारा किया जाता है। यह वैक्सीन अत्याधुनिक कोल्ड चेन के जरिए वहां तक पहुंचाई जाती है, जहां इसका उपयोग होता है। ऑटो लॉक डिस्पोजल सिरिंज से यह टीका लगाया जाता है, इसलिए किसी प्रकार के संक्रमण की संभावना नहीं रहती। उन्होंने कहा कि भ्रांतियों से दूर रहें और अपने बच्चों को टीके लगवाएं।
 

डेढ़ दर्जन बच्चों की हो चुकी है तबीयत खराब
मीजल्स-रूबेला के टीके लगने से डबरा में 11बच्चों की तबीयत खराब हुई थी, जिनमें 7 बच्चों को डबरा के सिविल अस्पताल में और ४ को इलाज के लिए केआरएच में रेफर किया था। गुरुवार को शहर के दो निजी स्कूलों के 4 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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