वहीं नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़े होने पर सख्त कार्रवाई करने व जुर्माना वसूलने का निर्णय भी किया था लेकिन नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़े करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से सर्कुलेटिंग एरिया में ही धड़ल्ले से वाहन खड़े किए जा रहे है।
ऐसे में सवारी गाडिय़ों के आने जाने के समय स्टेशन के बाहर अव्यवस्था का माहौल हो जाता है। लोगों के लिए निकलने की जगह नहीं बचती और जाम लगने की नौबत आती है। प्रतिदिन साढ़े पांच हजार यात्री भार
स्टेशन पर प्रतिदिन साढ़े पांच हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती है। सुबह और शाम के समय संख्या अधिक रहती है। इनको प्रतिबंधित क्षेत्र में अव्यवस्थित खड़े वाहनों के कारण निकलने में मुश्किल होती है।
करते है औपचारिकता सर्कुलेटिंग एरिया में वाहन पार्किंग करने पर कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता की जाती है। मात्र एक या दो जनों जनों से जुर्माना वसूली करके खानापूर्ति की जाती है। और तो और यहां नो पर्किंग के लगाए गए चेतावनी बोर्ड तक गायब हुए हैं।
उधर सूनी पार्किंग रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे बनाए गए वाहन पार्किंग स्थल पर वाहन काफी कम खड़े किए जाते हैं। इस कारण पार्किग के लिए बनाई जगह सूनी नजर आती है। असल में रेलवे पुलिस द्वारा वाहन चालकों को निर्धारित पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने को प्रेरित भी नहीं किया जाता।
अधिकारी आने पर होते हैं सक्रिय रेलवे स्टेशन पर किसी अधिकारी के निरीक्षण करने आने पर रेलवे पुलिस सक्रियता दिखाती है। उस दौरान सर्कुलेटिंग एरिया से वाहनों को हटा दिया जाता है, लेकिन अधिकारी जाने के बाद स्थिति वापस बिगड़ जाती है। पिछले दिनों जबलपुर व कोटा मंडल के रेल अधिकारियों ने सर्कुलेटिंग एरिया का निरीक्षण किया तब अव्यवस्थित वाहन खड़े होने पर नाराजगी भी जताई थी। उन्होंने रेलवे पार्किंग में वाहनों की पार्किंग के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक इन निर्देशों की पालना में शिथिलता ही दिखाई गई है।