scriptनगर निगम का सिटी प्लानर रनिंग कार में 5 लाख की घूस लेते पकडा | City planner of Municipal Corporation caught taking bribe of 5 lakhs | Patrika News

नगर निगम का सिटी प्लानर रनिंग कार में 5 लाख की घूस लेते पकडा

locationग्वालियरPublished: Nov 29, 2020 01:53:59 am

Submitted by:

Puneet Shriwastav

डुप्लेक्स, मल्टी बनाने की इजाजत देने के एवज में 50 लाख रू की घूस मांगने वाला नगरनिगम का सिटी प्लानर को पकडा गया है। उन्हेंं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रिश्वत की दूसरी खेप के ५ लाख रू वसूलते हुए रंगे हाथ पकडा है।

50 lakhs were demanded from the builder

नगर निगम का सिटी प्लानर रनिंग कार में 5 लाख की घूस लेते पकडा

ग्वालियर। डुप्लेक्स, मल्टी बनाने की इजाजत देने के एवज में 50 लाख रू की घूस मांगने वाला नगरनिगम का सिटी प्लानर को पकडा गया है।

उन्हेंं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रिश्वत की दूसरी खेप के 5 लाख रू वसूलते हुए रंगे हाथ पकडा है। घूस की डिलेवरी सिटी प्लानर चलती कार में ले रहे थे। उनके हाथ में कैश का पैकेट थमाने से पहले बिल्डर इओडब्ल्यू की टीम को इत्तिला कर चुके थे। इसलिए टीम लगातार सिटी प्लानर के पीछे थी।
पैसा उसके हाथ में थमाकर बिल्डर ने टीम को इशारा कर दिया तो उन्हें रंगे हाथ पकडा। ५० लाख की घूस में नगरनिगम के आला अधिकारियों का हिस्सा भी होने की आशंका सामने आई है। क्योंकि सिटी प्लानर पैसा वसूलने के लिए लगातार हवाला दे रहे थे कि पैसा उपर तक जाएगा।
बिल्डर से इस बातचीत की रिकार्डिंग भी इओडब्ल्यू के पास है। लेकिन ईओडब्लयू के अधिकारी सिर्फ सिटी प्लानर को दोषी बता रहे हैं।
ईओडब्ल्यू एसपी अमित ङ्क्षसह ने बताया नगरनिगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा निवासी विनय नगर सेक्टर दो शनिवार दोपहर को बिल्डर धर्मेन्द्र भारद्वाज निवासी गांधी नगर से 5 लाख रू की घूस लेते पकडे गए हैं। भारद्वाज सुरेशनगर में पानी की टंकी के पास करीब 19 हजार स्केवर फीट जगह पर डुपलेक्स और मल्टी बना रहे हैं।
निर्माण से पहले उन्होंने नगरनिगम से कंस्ट््रक्शन की इजाजत मांगी थी। उनका आवेदन देखकर वर्मा ने उसने कहा था कि बेफ्रिक होकर निर्माण करो, इजाजत मिल जाएगी। इस भरोसे पर भारद्वाज ने काम शुरू कराया था। साइट पर काफी निर्माण हो गया तब वर्मा ने इजाजत देने के एवज में 50 लाख रू मांगे थे।
बुलडोजर की धमकी ,10 लाख वसूले
इओडब्ल्यू टीआई यशवंंत गोयल ने बताया दो महीने पहले वर्मा बुलडोजर लेकर निर्माणाधीन साइट पर पहुंच गए थे। बिल्डर को हिदायत दी थी कि पैसा नहीं दिया तो बिना इजाजत का निर्माण तोड दिया जाएगा।
उसके बाद वर्मा ने बिल्डर से 10 लाख रू वसूला था।बाकी 40 लाख रू बाद में देना तय हुआ था। अब वर्मा उस रकम की वसूली के लिए दवाब बना रहे थे।

उनके प्रेशर से तंग आकर भारद्वाज ने आर्थिक अपराध ब्यूरो से शिकायत की थी। वर्मा के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए उन्हें वायस रिकार्डर दिया था। बातचीत और रिश्वतखोरी के बाकी सबूत जुटाने के बाद भारद्वाज की शिकायत पर प्रदीप वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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