डबरा में सिविल एयर कार्गो और बहुउद्देशीय स्पेशल इकॉनॉमिक जोन बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
ग्वालियर/दतिया। डबरा में सिविल एयर कार्गो और बहुउद्देशीय स्पेशल इकॉनॉमिक जोन (मल्टी स्पेशल इकॉनॉमिक जोन) बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। राज्य शासन को कलेक्टर ग्वालियर और दतिया ने करीब एक हजार एकड़ भूमि प्रस्तावित कर दी है। दरअसल शासन ने दोनों जिलों के कलेक्टर्स से इस संबंध में जानकारी तलब की थी। ये दोनों प्रस्ताव औद्योगिक प्रगति के लिए बूस्टर डोज बताए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक नार्थ-साउथ और गुना-मुरैना इंडस्ट्रियल कॉरीडोर पर प्रस्तावित इस एसईजेड और सिविल एयर कार्गो के बनने से एक नया इंडस्ट्रियल जोन विकसित करने का इरादा है। बिलौआ में स्टील प्लांट स्थापित होने से इस क्षेत्र की पहचान राष्ट्रीय परिदृश्य में हो चली है। सूत्रों के अनुसार राज्य शासन इसके निर्माण की समूची राशि स्वयं खर्च करेगा।
कलेक्टर ग्वालियर और दतिया ने डबरा शुगर फैक्ट्री (वर्तमान मेंं बंद) की वह भूमि इसके लिए प्रस्तावित की है, जो खाली पड़ी है। शासन अब इसके लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया एजेंसी तय करेगा।
समूची जमीन सरकारी
सिविल एयर कार्गो की स्थापना के लिए सिविल एविएशन डिपार्टमेंट की मंजूरी लेनी होगी। जानकारों के मुताबिक फॉरेस्ट और एयरफोर्स की अनापत्ति के लिए इसमें कोई अड़चन नहीं है, क्योंकि समूची जमीन सरकारी है।
इनके बनने से ये होगा फायदा
कार्गो: नई दिल्ली का बोझ कम होगा। ग्वालियर अंचल लॉजिस्टिक हब बन जाएगा। चूंकि शिवपुरी से निकल रहे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर पर लॉजिस्टिक हब के लिए सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। इसलिए कार्गो की स्थापना अहम होगी।
एसईजेड: मल्टी प्रोडक्ट एसईजेड को अंतिम अनुमति केन्द्र जारी करता है। दरअसल ये पूरी तरह ड्यूटी फ्री जोन है। खास बात ये होती है कि इसमें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बेहद प्रोत्साहन मिलता है।