विगत 17 अगस्त को दिल्ली के स्कोप भवन में आइओसीएल के अफसरों से स्वामी ऋषभ महाराज, गो सेवक बाल आंग्रे व गोशाला प्रभारी केशव ङ्क्षसह चौहान ने मुलाकात की, जिसमें वैकल्पिक ऊर्जा विकास विभाग के कार्यकारी निर्देशक सुबोध कुमार, उप महाप्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि गोबर से सीएनजी के उत्पादन के लिए आइओसीएल प्रयास कर रहा है।
कानपुर में देश का सबसे बड़ा बायो सीएनजी गैस प्लांट कारोबारी विशाल अग्रवाल द्वारा तीन वर्ष पहले स्थापित किया गया। करीब 110 टन प्रतिदिन की खपत वाले इस प्लांट के लिए उन्हें सरकारी मदद नहीं मिली। अग्रवाल ने बताया कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्लांट बहुत जरूरी है। इससे आवारा गो वंश का प्रबंधन किया जा सकता है।
लाल टिपारा गोशाला में करीब 6 हजार गो वंश हंै, जिससे करीब 40 टन गोबर प्रतिदिन प्राप्त होता है, इसमें 30 टन गोबर सीएनजी बायो गैस प्लांट के लिए और 10 टन गोबर की लकड़ी बनाने की योजना है।करीब 500 केजी गैस का उत्पादन-प्लांट पर करीब 5 हजार गोवंश के 30 टन गोबर से प्रतिदिन करीब 500 से 600 केजी गैस का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे गोशाला को प्रतिदिन 25 से 30 हजार की आय होगी। वहीं इसके बाद निकली खाद की बिक्री भी ऑग्रेनिक फॉर्मर को उचित रेट पर कर आय की जा सकती है।
विशाल अग्रवाल, संचालक सीएनजी प्लांट, कानपुर
गोशाला प्रदेश में रॉल मॉडल बने, इसके लिए जरूरी है कि यह पहले आत्मनिर्भर बने। इसके लिए आइओसीएल से बात हुई है। उनके प्रतिनिधि विजिट कर गए हैं। हमारे अफसर भी दूसरे स्थानों पर विजिट कर तेजी से काम कर रहे हैं।
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम