कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सभी को निर्देश दिए हैं कि जो भी कोचिंग संचालक निर्देशों की अवहेलना करते मिले, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अब मुरार में एसडीएम जयति सिंह, झांसी रोड क्षेत्र में अनिल बनवारिया, लश्कर में सीबी प्रसाद, ग्वालियर में प्रदीप तोमर, मुरार ग्रामीण में पुष्पा पुषाम और डबरा में एसडीएम राघवेन्द्र पांडेय सहित घाटीगांव और भितरवार में भी एसडीएम की अगुवाई में कार्रवाई होगी।
एक महीने चली थी कार्रवाई
लगभग ढाई महीने पहले सूरत में कोचिंग सेंटर में आग लगने से छात्रों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित किया गया था। इसके बाद शहर और जिले के सभी कोङ्क्षचग सेंटरों पर प्रशासनिक टीमों ने आकस्मिक कार्रवाई करके व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया था। इस दौरान 28 से अधिक कोचिंग सील की गई थीं, जिनको बाद में शर्तों के आधार पर इजाजत दी गई थी।
13 बिंदुओं का करना था पालन
कोचिंग सेंटरों को सील किये जाने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन एडीएम संदीप केरकेट्टा ने 13 बिंदुओं की गाइडलाइन तय की थी। इसमें अग्निशमन यंत्र, आने और जाने का रास्ता अलग-अलग, सीसीटीवी कैमरे, पार्किंग और बैठक व्यवस्था सहित अन्य मानक तय किए गए थे। इन सभी शर्तों का पालन करने के लिए सभी को निर्देश भी दिये गए थे, बाद में जब प्रशासनिक कार्रवाई ढीली हो गई तो कोचिंग सेंटर पुराने ढर्रे पर आ गए हैं।
कोचिंग सेंटरों को सील किये जाने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन एडीएम संदीप केरकेट्टा ने 13 बिंदुओं की गाइडलाइन तय की थी। इसमें अग्निशमन यंत्र, आने और जाने का रास्ता अलग-अलग, सीसीटीवी कैमरे, पार्किंग और बैठक व्यवस्था सहित अन्य मानक तय किए गए थे। इन सभी शर्तों का पालन करने के लिए सभी को निर्देश भी दिये गए थे, बाद में जब प्रशासनिक कार्रवाई ढीली हो गई तो कोचिंग सेंटर पुराने ढर्रे पर आ गए हैं।