अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपए ले जाओ, मामला खत्म करो, परिजनों ने लगाया जाम
पत्रिका ने उक्त शिक्षक एनके तिवारी से बात की तो उनका कहना था कि मैं मातृ हिंदी मीडियम का विद्यार्थी रहा हूं और हिंदी ही पढ़ाता था। उन्होंने बताया कि कनिष्ठ चयन सेवा आयोग की परीक्षा पास कर 1986-87 नौकरी ज्वॉइन की थी। कुछ साल पहले उन्हें अस्थाई बताते हुए निकाल दिया गया था, जबकि उनके साथ जिन लोगों को नौकरी मिली थी उन्हें शिक्षा विभाग ने स्थाई कर दिया था।