यह भी पढ़ें
बड़ी खबर : सिंध नदी उफान पर, मंदिर और पुल डूबे, देखें वीडियो
पैरवी कर रहे वकील उमाशंकर शिवहरे ने बताया कि न्यायिक दंडाधिकारी राजीवराव गौतम के न्यायालय में तालाक के तीन मामलों की सुनवाई में आयोजित लोक अदालत के माध्यम से वकीलों एवं जज के साथ दोनों पक्षों के परिजनों के अथक प्रयासों से यह सभी मामलें राजीनाम के आधार पर निपटाए गए। बाद में न्यायालय में ही जज के सामने पति- पत्नी एक दूसरे को माला पहनाकर फिर से एक दूसरे के साथ रहने को राजी हुए । यह भी पढ़ें
डिप्टी रेंजर की हत्या के बाद कमलनाथ ने सीएम शिवराज से पूछा सवाल, BJP को चुनाव में पड़ेगा भारी
ये परिवार फिर से एक हुए लोक अदालत में पहला मामला सुनील जाटव निवासी मुरार जिसका विवाह कमलेश निवासी रामगढ़ डबरा से ७ मई २०१५ को हुआ था। ६ माह पहले घरेलू विवाद के कारण अलग-अलग रहने लगे थे और वधु पक्ष की ओर से तलाक के लिए केस दायर किया गया। दोनों ने न्यायालय के सामने शपथ लेकर फिर से एक साथ रहने को राजी हुए। इसी तरह. ध्यानेन्द्र सिंह राणा निवासी जनकपुरा का विवाह २२ जनवरी २०१८ को पूजा राणा डबरा के साथ हुआ था । यह भी पढ़ें