scriptकम्प्यूटर नेटवर्क टेक्नोलॉजी ने बदला जीवन | Computer Network Technology Changed Life | Patrika News

कम्प्यूटर नेटवर्क टेक्नोलॉजी ने बदला जीवन

locationग्वालियरPublished: Jun 30, 2019 07:13:54 pm

Submitted by:

Avdhesh Shrivastava

व्हाट्सएप, फेसबुक एवं अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स जो वर्तमान में अत्यंत प्रचलित है, सभी वीओआईपी तकनीक पर आधारित है।

 seminar

कम्प्यूटर नेटवर्क टेक्नोलॉजी ने बदला जीवन

ग्वालियर. हम सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, किंतु यह तकनीक किस तरीके से काम करती है, इसकी जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं है। कम्प्यूटर नेटवर्क तकनीक पर आधारित प्रोग्राम द्वारा ई-मेल, एफटीपी, समाचार सभी अपने मोबाइल पर ही पढ़ सकते हैं। आज से कुछ समय पहले तक इसके लिए करीब 16 रुपये प्रति कॉल खर्च करने पड़ते थे किंतु अब ना के बराबर रुपए खर्च करके विदेशों में किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक एवं अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स जो वर्तमान में अत्यंत प्रचलित है, सभी वीओआईपी तकनीक पर आधारित है। यह बात डॉ.एसी पांडे वैज्ञानिक डीआरडीई ने जीवाजी विश्वविद्यालय के सीआईएफ सेमिनार हॉल में आयोजित व्याख्यान के दौरान कही।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में भारत का सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान लगभग 184 बिलियन डॉलर है। इस स्थिति में कंप्यूटर नेटवर्क टेक्नोलॉजी की आवश्यकता अधिक बढ़ जाती है। व्याख्यान के दौरान डॉ.पांडे ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग की प्रोफेसर डॉ.रेनू जैन ने की। कार्यक्रम में एस के जैन, शांतिदेव सिसोदिया, डॉ.साधना श्रीवास्तव, डॉक्टर बीडी गुप्ता, आशीष जौहरी, रिसर्च स्कॉलर्स सहित स्टूडेंट्स मौजूद थे।
स्टूडेंट्स को दी एफटीआईआर की जानकारी
जीवाजी विश्वविद्यालय के सीआईएफ विभाग की ओर से फूरियर ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (एफटीआईआर) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में डॉ.धीरज कुमार ने विस्तार में एफटीआईआर के सिद्धांत, प्रयोगों एवं महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये एक विश्लेषणात्मक तकनीक है जिसका उपयोग कार्बनिक और अकार्बनिक सैंपलों की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक सैंपलों बनाम तरंग दैध्र्य द्वारा अवरक्त विकिरण के अवशोषण को मापती है। डॉ.कुमार के साथ वीरेंद्र जैन ने एफटीआईआर का डेमो एवं सैंपल एनालिसिस करके भी शोधार्थियों को दिखाया। कार्यशाला में डॉ.साधना श्रीवास्तव सहित शोधार्थी अंजली, शामली, निशा, साबिर, आरती, इमरान के साथ ही विभिन्न संकाय के स्टूडेंट्स मौजूद थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो