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कांग्रेस सरकार का फैसला…बिजली का शट डाउन करने से पहले अब एमडी ऑफिस से लेनी होगी अनुमति

locationग्वालियरPublished: Jan 22, 2019 07:35:55 pm

सरकार बदलते ही बिजली कटौती को लेकर लोगों के बीच अफवाह का दौर शुरू हो गया। सरकार की छवि न बिगड़े इसको लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों को शट

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कांग्रेस सरकार का फैसला…बिजली का शट डाउन करने से पहले अब एमडी ऑफिस से लेनी होगी अनुमति

ग्वालियर. सरकार बदलते ही बिजली कटौती को लेकर लोगों के बीच अफवाह का दौर शुरू हो गया। सरकार की छवि न बिगड़े इसको लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों को शट डाउन की परमीशन एमडी ऑफिस भोपाल से लेनी होगी। ये जानकारी ऑन लाइन देनी होगी।
शहर में आइपीडीएस (इंटीग्रेटेड पॉवर डवलपमेंट स्कीम) के तहत कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इन कामों को कराए जाने को लेकर बिजली कंपनी के अधिकारियों को बार-बार शहर व ग्रामीण अंचल में बिजली बंद करनी होती थी। बिजली बार-बार बंद होने को लेकर सरकार की छवि धूमिल करने की अफवाहों का दौर शुरू हो गया था। इस बात को ध्यान में रखते हुए बीते दिनों सरकार ने शट डाउन और ब्रेक डाउन को लेकर नजर रखना शुरू दी है। बिजली कंपनी के अधिकारियों से शट डाउन और ब्रेक डाउन को लेकर कारण पूछे जाने लगे हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अब एक सप्ताह पहले शट डाउन और ब्रेक डाउन को लेकर पहले एमडी ऑफिस में परमीशन के लिए जानकारी भेजेगी। इस दौरान सुधार कार्य की डिटेल भी भेजनी होगी। यह सब एमडी ऑफिस में बिजली कंपनी के ऐप और पोर्टल के माध्यम होगा। एमडी ऑफिस से स्वीकृत मिलने के बाद ही सुधार कार्य कराया जाएगा। ये काम बिजली कंपनी के एई व जेई स्तर के इंजीनियरों को करना होगा।
शहर में 30 करोड़ के चल रहे सुधार कार्य
बिजली कंपनी शहरी क्षेत्र में मोनो पोल, 33 केवी लाइन, 11 केवी लाइन और सब स्टेशन, फीडरों का सुधार कार्य करना जैसे आइपीडीएस के तहत कार्य किए जा रहे हैं। करीब 30 करोड़ के काम शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी विकास कार्य चल रहे हैं। इन कामों को पूरा किए जाने को लेकर बिजली कंपनी के अधिकारी बार-बार शट डाउन ले रहे हैं।
ब्रेक डाउन होने का कारण भी बताना होगा
बिजली कंपनी ने सुधार कार्य को लेकर पूरा होमवर्क कर लिया है। सुधार कार्य के लिए दिए जाने वाले शट डाउन के साथ ही 33 केवी और 11 केवी लाइन, फीडर, सब स्टेशन पर करना होगा। 33 केवी और 11 केवी के लिए अलग-अलग से परमिट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा अचानक होने वाले ब्रेक डाउन का कारण भी बताना होगा। ब्रेक डाउन होने से लेकर सुधार कार्य में लगा समय और बे्रक डाउन होने का कारण भी बताना होगा।

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