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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक के अब तक लड़े चुनाव प्रमाण पत्रों की होगी जांच

locationग्वालियरPublished: May 02, 2019 01:29:27 pm

Submitted by:

monu sahu

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक के अब तक लड़े चुनाव प्रमाण पत्रों की होगी जांच

congress mla jaipal singh

कांग्रेस विधायक के अब तक लड़े चुनाव प्रमाण पत्रों की होगी जांच

ग्वालियर। अशोकनगर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने जयपाल सिंह जज्जी उनके जाति प्रमाण पत्र के मामले में फिलहाल भले ही राहत मिल गई है। लेकिन उच्च न्यायालय ने उनके जाति प्रमाण-पत्रों की जांच का दायरा बढ़ाने से उनकी मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। उच्च न्यायालय ने उच्च स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति के उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने प्रकरण को पुन: छानबीन समिति को भेजते हुए दस दिशा निर्देश के साथ इसकी जांच कर निर्णय लेने को कहा है। समिति को जज्जी को सुनवाई का पूरा अवसर प्रदान करना होगा। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया ने विधायक जयपाल सिंह द्वारा प्रस्तुत याचिका पर विचार के बाद उक्त आदेश दिया है।
जयपाल सिंह ने यह याचिका एडवोकेट एसएस गौतम के माध्यम से उच्च स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति द्वारा उनके जाति प्रमाण को खारिज कर दिए जाने के खिलाफ प्रस्तुत की थी। जज्जी का कहना था समिति द्वारा उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था। यह कार्रवाई राजनीतिक विद्वेष के तहत की गई थी। न्यायमूर्ति अहलूवालिया द्वारा अपवने आदेश में समिति को निर्देश दिए है कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह के रिकॉर्ड पर आए सबूतों के आधार पर याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर देते हुए निर्णय करे।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि 6 नवंबर 2008 को एससी वर्ग के सर्टिफिकेट का याचिकाकर्ता जस्सी कोई लाभ नहीं ले सकेंगे। जांच में यदि यह पाया जाता है कि विधायक जस्सी द्वारा गलत तरीके से एससी वर्ग का प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो समिति आगे की कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा माधुरी पाटिल के मामले में प्रतिपादित सिद्धांत के तहत कार्रवाई कर सकेगी। जस्सी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर रमेश कुमार ने शिकायत की थी कि जस्सी राजनीतिक लाभ के लिए जाति प्रमाण-पत्र बनवाते रहते हैं। इस शिकायत पर इस मामले की उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने जांच कर उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था।
यह था समिति का निर्णय
समिति ने जयपाल सिंह जज्जी के नट अनुसूचित जाति के संदेहास्पद जाति प्रमाण पत्र की छानबीन में उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किया गया है। इसलिए उनका प्रमाण पत्र निरस्त कर राजसात करने के आदेश 6 नवंबर 2008 को जारी किए थे। वहीं उनका फर्जी रूप से आरक्षण का लाभ देने के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा समिति ने की थी। जस्सी के खिलाफ भी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नगरीय निकाय के चुनाव में भाग लेने पर आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी।
जांच के बिंदु

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