कांग्रेस का आरोप- सिंधिया सिर्फ ट्रांसफर की बात करने आते थे, हम उनकी चिकनी सूरत पर फिसल गए थे
जब जमीनों के फर्जीवाड़े में कमलनाथ ने साथ नहीं दिया तो सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार ही गिरा दी।

ग्वालियर. कांग्रेस ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमीन गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर 110 पेज का पुलिंदा' भी जारी किया है। कांग्रेस का दावा है कि ये जमीनों की गड़बड़ी से जुड़े कागजात हैं। जब जमीनों के फर्जीवाड़े में कमलनाथ ने साथ नहीं दिया तो सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार ही गिरा दी। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे और ग्वालियर-चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से कहा, सिंधिया का 18 साल कांग्रेस में रहना राजनीतिक अपराध था।
कमलनाथ के सीएम रहते सिंधिया के खिलाफ जांच नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा, कमलनाथ उनकी भोली और चिकनी सूरत पर फिसल गए थे। नेताओं ने कहा, सिंधिया कभी विकास की बात नहीं करते थे। जब भी कमलनाथ से मिलने आते थे, अधिकारियों के तबादलों व जमीनों के मामलों की बात करते थे। वे जमीन बढ़ाना चाहते थे। सिंधिया ने तत्कालीन कलेक्टर के साथ मिलकर कई जमीनों को अपने ट्रस्टों के नाम करा लिया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा, सिंधिया यदि जनसेवक और ईमानदार हैं तो बताएं कि अवैधानिक तरीकों से उनके परिवार से कितनी जमीनों पर कब्जे हुए, कितनी जमीनें अवैध रूप से बेचीं और किन नौकरशाहों ने मदद की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के बाद सिंधिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरणों को समाप्त करने के आदेश क्यों जारी किए? उन्होंने कहा, यदि सीएम भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई के पक्षधर हैं तो सिंधिया के खिलाफ जांच कराना चाहिए था।
कांग्रेस का आरोप
15 अगस्त 1947 को अन्य रियासतों की तरह ग्वालियर का विलीनीकरण भारतीय संघ में हुआ और कोवेनेन्ट के तहत व्यक्तिगत संपत्ति की सूची मांगी गई। जो सूची भेजी गई उस पर कब्जा दिया और शेष संपत्ति भारत शासन में विलीन करने कोकहा। सिंधिया बताएं इनवेन्टरी में वर्णित संपत्ति के अलावा कितनी संपत्ति कैसे अर्जित की। खसरा नंबर जो वर्ष-1989 तक सरकारी दस्तावेजों में नजूल भूमि के नाम पर दर्ज थे, वे पंजीकृत और अपंजीकृत ट्र॒स्टों में परिजनों के नाम पर कैसे तब्दील हो गए।
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