बाबरिया ने बताया कि कागं्रेस पार्टी ने गुजरात मॉडल पर विचार करते हुए उसे म.प्र में होने वाले आगामी चुनाव में उपयोग करने का मन बनाया है। जिसमें पार्टी उम्मीदवारों के सर्वे के बाद ही विधानसभा चुनाव का टिकिट देगी। यानि की अब कांग्रेस से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई नेताओं के अरमान ठंडे हो सकते हैं। सर्वे के रिजल्ट बाद ही उम्मीदवार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा पाएगा। बाबरिया ने यह भी बताया है कि इस बार महिलाओं को ज्यादा मौका मिल सकता है वहीं पिछले २ चुनावों में हार का मुंह देख चुके नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा।
60 के पार टिकट नहीं
60 साल की उम्र पार कर चुके कांग्रेसी कार्यकता टिकट की उम्मीद न करें ऐसा दीपक बाबरिया ने बताया है। ६० पार के कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करें न की टिकट के लिए। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को नेता मानने वाले कार्यकर्ताओं को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि वे अपनी नेतागिरी न चमाकाएं। टिकट छोड़ों पार्टी के लिए काम करें।
अनुशासन की दिलाई शपथ
कुछ दिनों पहले ही दतिया जिले के प्रवास पर आई नेशनल कांग्रेस की सेक्रेटरी के सामने स्टेज पर बैठने को लेकर दतिया के कांग्रेस नेताओं में बहस हो गई थी। बहस के बाद गालीगलौंच और मारपीट होने पर सचिव ने बेहद नाराजगी जताई थी। जिसकी शिकायत आला कमान तक की गई थी। जिसके चलते बाबरिया ने भी सभी लोगों को अनुशासन में रहने की बोला है जिसके लिए बाकायदा सभी कार्यकर्ताओं को शपथ भी दिलवाई गई है।