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आरक्षक भर्ती घोटाला: आरक्षक भर्ती घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए क्या है वो

locationग्वालियरPublished: Dec 25, 2018 12:01:45 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

आरक्षक भर्ती घोटाला: आरक्षक भर्ती घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए क्या है वो

ग्वालियर. विशेष सीबीआइ कोर्ट ने आरक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी मधुराज सिंह को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाते हुए न्यायालय ने टिप्पणी की कि प्रतियोगी परीक्षाओं की गरिमा और उसकी पवित्रता गिरा दी है, इसलिए ऐसे अपराधियों को माफ नहीं किया जा सकता, इन लोगों ने योग्य छात्रों का हक छीना है। मधुराज सिंह ने अपने स्थान पर सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलाई, इसके लिए उसके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।

विशेष न्यायाधीश अजयकांत पांडे ने मधुराज सिंह पुत्र विनोद सिंह (24) निवासी डिडीखुर्द थाना देहात भिंड को भादसं की धारा 120 के अपराध में एक साल, धारा 467 व 468 सहपठित 120 बी में पांच-पांच साल व धारा 420 में एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर चार हजार रुपए जुर्माना भी किया है।

न्यायाधीश अजयकांत पांडे ने आदेश में कहा कि अपराधी मधुराज के खिलाफ उसके द्वारा पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा में आरक्षक के पद पर अपना चयन कराने का प्रयास किया गया। सीबीआइ आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित करने में सफल रही है।

योग्य छात्रों का रुझान हो रहा कम
न्यायालय ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले लोग वास्तव में योग्य छात्रों को उनके उचित व विधिक अवसरों से वंचित कर रहे हैं। वर्तमान में यह प्रवृत्ति बढ़ रही है, इसलिए ऐसे मामलों में आरोपियों को किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं दिया जा सकता है। इससे योग्य छात्रों का शिक्षा की ओर रुझान कम हो रहा है।

इनकी जांच जारी
इस मामले में सीबीआइ ने तीन आरोपियों के खिलाफ जांच जारी रखी है। प्रकरण में आरोपी के पिता विनोद यादव, मामा सुनील यादव व सॉल्वर की तलाश जारी है।

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