scriptCOVID 19 : ग्वालियर के सभी कंटेमेंट जोन के ये रहे नाम, यहां जाना नहीं है खतरे से खाली, लोग घरों में हैं बंद | contentment zone number reached from 2 to 32 in 60 days in gwalior | Patrika News

COVID 19 : ग्वालियर के सभी कंटेमेंट जोन के ये रहे नाम, यहां जाना नहीं है खतरे से खाली, लोग घरों में हैं बंद

locationग्वालियरPublished: May 25, 2020 08:37:32 am

Submitted by:

Gaurav Sen

contentment zone number reached from 2 to 32 in 60 days in gwalior : 60 दिन में 2 से बढक़र 32 हुए कंटेन्मेंट जोन, ट्रेवल हिस्ट्री और कांटेक्ट हिस्ट्री बनी संक्रमण विस्तार की वजह
 

contentment zone number reached from 2 to 32 in 60 days in gwalior

contentment zone number reached from 2 to 32 in 60 days in gwalior

@ ग्वालियर

जनता कफर््यू के बाद से जारी लॉक डाउन के 60 दिन हो चुके हैं। इन दो महीनों में जिले के कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2 से बढक़र 105 हो चुके हैं। इनमें से 38 ठीक हुए हैं और अब 66 कोरोना एक्टिव मरीज हैं। कंटेनमेंट जोन भी 2 से बढक़र 32 हो गए, जिनमें 6 को सामान्य क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कराए जा रहे सर्वे की हकीकत यह है कि टीमें जनगणना की तरह नाम,पता,मोबाइल नंबर पूछकर औपचारिकता पूरी कर रही है। जबकि पॉजिटिव मरीजों के कांटेक्ट, सब कांटैक्ट की हिस्ट्री, ट्रेवल हिस्ट्री तक सही तरीके से पता नहीं लगाई जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति के पॉजिटिव आने के बाद सिर्फ क्लोज कांटैक्ट को ही खंगाला जा रहा है, सब कांटैक्ट तक स्वास्थ्य या प्रशासन की टीम पहुंचने में उदासीनता बरत रही हैं। प्रशासनिक स्तर पर सही तरीके से स्थिति पर नियंत्रण के प्रयास न किए जाने की वजह से अब आने वाले सात या आठ दिन में संक्रमण का फैलाव तेजी से होने की आशंका बन रही है।

खास बात यह है कि मरीजों को भर्ती करने के लिए तैयार किए गए आइसोलेशन वार्डों में भी संक्रमित की काउंसलिंग किए जाने की बजाय उपेक्षित व्यवहार किया जा रहा है। स्थिति यह है कि एकाध अपवाद को छोड़ दें तो कोई वरिष्ठ अधिकारी इन वाडो्र्रं में पहुंचकर मरीजों से उनका हाल जानने नहीं पहुंचा। स्क्रीनिंग के आंकड़ों में लगातार बदलाव सामने आ रहे हैं, जिससे डेटा रिकॉर्डिंग पर भी उंगलियां उठ रही हैं।

हो सकता संक्रमण का फैलाव
-शहर और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की जानकारी इकट्ठी करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। लेकिन सर्वे टीमें कोरोना संक्रमण की बारीकी का पता करने की बजाय सिर्फ जनगणना की तरह जानकारी जुटा रही हैं। अधिकतर जगहों पर सिर्फ मुखिया का नाम, मोबाइल नंबर और परिवार की सदस्य संख्या पूछी जा रही है। सूत्रों की मानें तो सही तरीके से सर्वे न किए जाने का परिणामस्वरूप आने वाले सात दिन में संक्रमण का फैलाव दोगुनी गति से बढ़ सकता है।

कंटेन्मेंट जोन की संख्या कितनी बढ़ी
24 मार्च को पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज चेतकपुरी में मिला था। इसके बाद टेकनपुर में कोरोना पेशेंट मिला। शुरुआत में इन दो क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। इसके बाद सत्यदेव नगर, नाका चंद्रबदनी, विजयनगर, बहोड़ापुर, सिल्वर स्टेट, घोसीपुरा,हजीरा कंटेनमेंट जोन बने। वर्तमान में डबरा के ठाकुरबाबा रोड सहित नगर निगम क्षेत्र के बहोड़ापुर, घोसीपुरा और मुरार के गुंधारा और बेहट कंटेनमेंट जोन हैं। इन सभी जगहों को मिलाकर 32 कंटेनमेंट जोन हो चुके हैं। जिनमें से चेतकपुरी,सत्यदेव नगर, विजय नगर सहित 6 क्षेत्रों को सामान्य क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में करीब 25 कंटेनमेंट जोन में सर्वे का काम किया जा रहा है।

हॉट स्पॉट

एक नजर आंकड़ों पर

स्क्रीनिंग 23 मई406985 की स्क्रीनिंग दर्ज की गई है।
क्वारंटाइन15314 को होम और 7288 को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया। 11859 की अवधि पूरी हो गई है।
22 मई स्क्रीनिंग
404696 की स्क्रीनिंग की गई है।
क्वारंटाइन

14198 को होम और 7286 को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है। 10545 की क्वारंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है।
21 मई स्क्रीनिंग

402118 की स्क्रीनिंग की गई है।
क्वारंटाइन13082 को होम और 7273 को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है। 9287 की क्वारंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है।
  
contentment zone number reached from 2 to 32 in 60 days in gwalior

आइसोलेशन वार्ड की स्थिति
पॉजिटिव मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जेएएच परिसर में सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में करीब 300 बैड, जिला अस्पताल में 30 बैड, बिड़ला अस्पताल में 60 बैड और एमपीसीटी अस्पताल में 100 आइसोलेशन बैड तैयार किए हैं। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में मरीजों ने सुबह का नाश्ता मानक से निम्र स्तर का आने की शिकायत की थी। इससे पहले चेतकपुरी में पॉजिटिव मिले मरीज ने भी भोजन गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों से बातचीत और व्यवहार सही नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी अंदर की स्थिति की पड़ताल करने की भी कोशिश नहीं कर रहे हैं। यहां तक सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जवान भी करीब 50 फुट दूर बैठकर निगरानी कर रहा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो