हस्तिनापुर अस्पताल : आमजन की सुविधा के लिए यहां अस्पताल परिसर में नया भवन बन रहा है। इसकी लात 445.99 लाख रुपए है। अस्पताल के मुख्य भवन के अलावा एक एफ, 2 जी और 2 एच टाइप के आवासों का भी निर्माण हो रहा है। इसकी अभी सिर्फ बुनियाद ही डाली जा सकी है।
जीवाजी विश्वविद्यालय में मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स : मल्टी आर्ट ऑडिटोरियम में फर्नीचर सप्लाई, वाटर सप्लाई सैनेटरी, फिक्सिंग सैंट्रल एयरकंडीशनर, हिट पंप, स्टेज लाई, साउंड सिस्टम एवं ऐसेसरीज कार्य कराया जाना है। इस काम के लिए 508.8 लाख रुपए लागत निर्धारित की गई है। इस काम को 27 मई 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब इसके लिए पूर्णता दिनांक को रिवाइज करके 27 अगस्त 2019 किया गया है। फिनिशिंग के नाम पर काम अटका हुआ है। इस मामले में ठेकेदार जहां काम के पूरा होने की बात कर रहा है, वहीं अधिकारी अभी अपूर्ण बता रहे हैं।
हर साल निर्माण में होने वाला संभावित खर्च
-सिंचाई विभाग के अंतर्गत लगभग 1 अरब रुपए के काम एक साल में होते हैं।
-पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी डिवीजन में 15 से 20 करोड़ के काम हर महीने चलते हैं।
-एकेवीएन के अंतर्गत हर महीने लगभग 2 करोड़ रुपए के काम जारी रहते हैं।
-नगर निगम एक साल में लगभग 1 अरब रुपए निर्माण कार्यों पर खर्च करता है।
-सांसद, विधायक सहित अन्य निधियों से हर साल 2 से 3 करोड़ रुपए के काम होते हैं।
-केन्द्र और राज्य सरकार से मिलने वाली दूसरी राशि से हर साल लगभग 4 से 5 करोड़ रुपए के काम होते हैं।
-आरइएस के माध्यम से साल में लगभग 10 करोड़ रुपए के काम होते हैं।