ज्यादातर लोगों ने सर्दी-जुकाम-खांसी के लक्षणों की जानकारी डॉक्टर को दी। लक्षणों के आधार पर कमांड सेंटर पर नियुक्त डॉक्टर की टीम ने 40 में से 7 लोगों को ही ओपीडी में जांच कराने की सलाह दी। बाकी सभी को बेहतर खान-पान, सकारात्मक वातावरण और आसपास स्वच्छता रखने के साथ ही अन्य सावधानियां अपनाने की सलाह दी गई। इस मामले में मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ अजयपाल सिंह का कहना है कि आशंका है तो समाधान जरूर कर लेना चाहिए। परामर्श के बाद साइकोलॉजी में भी बदलाव आ जाता है और मरीज है तो उसको इलाज जरूरी है और स्वस्थ व्यक्ति है तो डॉक्टर पर विश्वास की वजह से वह खुद को बेहतर फील करने लगता है। इस समय किसी को भी बेबजह बाहर नहीं निकलना चाहिए और कोरोना संक्रमण को लेकर जितने भी निर्देश दिए गए हैं, सभी को उनका अक्षरश: पालन करना बेहद जरूरी है। मनोविज्ञानी मनीषा मिश्रा के अनुसार आसपास घटने वाली घटनाएं या कोई अप्रत्याशित माहौल बनने पर हमारा दिमाग भी उसी हिसाब से रियेक्ट करने लगता है
सका प्रभाव शरीर पर पड़ता है, जिसकी वजह से व्यक्ति वही सब अनुभव करता है, जो आसपास घटित हो रहा हो। इसमें सबसे पहले तो दिमाग को शांत करना आवश्यक है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज जरूरी है। इसके साथ ही अपनी शंका दूर करने के लिए किसी योग्य चिकित्सक को अनिवार्य रूप से दिखाना लेना चाहिए।
इस तरह के आ रहे फोन