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लापरवाही का कोरोना…एंट्री पॉइंट पर खानापूर्ति, रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड पर स्क्रीनिंग का दिखावा, कंटेन्मेंट जोन भी नहीं

locationग्वालियरPublished: Mar 31, 2021 07:11:21 pm

Submitted by:

prashant sharma

दस दिन से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ी है

लापरवाही का कोरोना...एंट्री पॉइंट पर खानापूर्ति, रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड पर स्क्रीनिंग का दिखावा, कंटेन्मेंट जोन भी नहीं

लापरवाही का कोरोना…एंट्री पॉइंट पर खानापूर्ति, रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड पर स्क्रीनिंग का दिखावा, कंटेन्मेंट जोन भी नहीं

ग्वालियर. कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। इसके चलते रोजाना कोरोना पीडि़तों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। प्रशासन के अधिकारी बैठक करके नियम तो काफी बनाते हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता है। बाहर से आसानी से लोग शहर में आ-जा रहे हैं। इसके लिए चैक प्वॉइंट पर विशेष स्क्रीनिंग के साथ बाहर से आने वालों की लिस्ट बनना थी। इतना ही नहीं संक्रमित आने वाले मरीजों के घर के बाहर पोस्टर भी चिपकाने थे, लेकिन दस दिन से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन किसी के घर के बाहर भी पोस्टर तक नहीं लगा है।
बिना मास्क वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई
शहर में बिना मास्क लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई का असर एक से दो दिन तक ही दिखा। अब तो लोग मास्क बिना ही घूम रहे हैं। इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं है। किसी चौराहे पर अगर कोई टोक दे तो लोग मास्क लगा लेते हैं, लेकिन मास्क लगाने से लोग आज भी बच रहे हैं।
पड़ोसी संक्रमित है पता ही नहीं चलता
पिछले वर्ष कोरोना का संक्रमण हुआ तो संक्रमित लोगों के घर के आगे बेरीकेड्स लगाए गए, लेकिन अब तो घर के बाहर पोस्टर लगाने की बात पिछले कई दिनों से प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं, लेकिन आज तक किसी के घर पोस्टर नहीं लगाए हैं, जिससे पड़ोसी अगर संक्रमित हुआ है तो दूसरे को पता ही नहीं चलता है।
लक्षण एक जैसे पर संपर्क वालों से ज्यादा फैल रहा है
कोरोना का संक्रमण अब ज्यादा बढऩे लगा है। यह पुराने संक्रमण जैसा ही है। इसके लक्षण भी खांसी, सर्दी, बुखार के साथ उल्टी-दस्त वाले ही हैं, लेकिन अब संक्रमित आने वाले लोग एक दूसरे के संपर्क में ज्यादा आने से पॉजिटिव हो रहे हैं। इसके चलते ज्यादा से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं लोग अवेयर हुए हैं। इससे समय पर इलाज मिलने लगा है, जिससे मौत का ग्राफ कम है।
डॉ. अजयपाल सिंह, मेडिसिन विभाग, जीआरएमसी

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