दरअसल तीसरी लहर का सबसे डरावना तथ्य सामने आया है जिसने इस लहर को खतरनाक बना दिया है. आंकड़े बताते हैं कि पहली लहर में 250 केस होने में पूरे 175 दिन लगे थे जबकि दूसरी लहर में 250 केस 30 दिन में हुए थे. इनके अनुपात में तीसरी लहर में महज 11 दिन में 250 केस हो जाना कोरोना की तेज गति की भयावहता दर्शा रहा है.
तीसरी लहर की इस अवधि में एक्टिव केस 989 पर पहुंच चुके हैं. सबसे बुरी बात तो यह है कि इनमें आधा सैकड़ां से अधिक ऐसे बच्चे भी हैं जिनकी उम्र 18 साल से कम है. गौरतलब है कि तीसरी लहर की शुरुआत में 28 दिसंबर को एक केस मिला था. इस प्रकार कोविड की इस लहर की संक्रमण दर पहली दो लहरों से कई गुना तेज है.
ग्वालियर में कोविड की पहली लहर में 17 सितंबर 2020 को पीक का दिन था जब सबसे ज्यादा केस मिलने के साथ ही 18 मौतें भी हुई थीं. दूसरी लहर में पीक 24 अप्रैल 2021 को माना जाता है जब 1305 पॉजिटिव केस के साथ ही 24 घंटे में 54 मौत हुई थीं. इसके बाद अब तीसरी लहर में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राहत की बात केवल यह है कि अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है. नए मरीजों में से सिर्फ 25 लोगों को ही हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है जबकि शेष घर में ही आइसोलेशन में हैं.