केस-1 रेलवे कॉलोनी में रहने वाले उत्कर्ष शर्मा के मेल पर वैक्सीनेशन पंजीयन के लिए लिंक आया। लिंक में कहा गया था कि आप अपने आस के सेंटर के लिए स्लॉट बुक करें। जब उस लिंक को खोला तो एक और लिंक तक पहुंचा दिया और वहां जानकारी भरने के लिए कहा गया। हालांकि उत्कर्ष ने बिना जानकारी भरे ही इस लिंक को डिलीट कर दिया।
केस-2
महलगांव में रहने वाले राजेन्द्र सूर्यवंशी के फोन पर वैक्सीनेशन कराने के लिए लिंक आया था। जब उस लिंक को खोला तो वैक्सीनेशन कराने के लिए डिटेल भरने के लिए कहा गया और और वैरीफिकेशन मैसेज व्हाटसऐप पर भेजने कहा गया। राजेन्द्र पहले ही वैक्सीनेशन के लिए पंजीयन करा चुके थे, इसलिए उन्होंने मैसेज में कोई जानकारी नहीं भरी।
सरकारी ऐप कोविन पर ही करें रजिस्ट्रेशन
सरकार की ओर से आधिकारिक साइट कोविन ऐप या आरोग्य सेतु ऐप पर ही कोविड वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. इसके अलावा कोई ऐप जारी नहीं किया गया है। कोविन का पोर्टल एड्रेस दिया है जहां आप वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। मोबाइल या इंटरनेट पर दिख रहे फर्जी डोमेन, ईमेल सहित अन्य मैसेज से सावधान रहने की आवश्यकता है जिसमें कोविड वैक्सीन के रजिट्रेशन की बात कही जा रही हो।
कई वारदातें आई है सामने
ऑनलाइन लोगों को ठगने वाले नए तरीके अपनाते हैं, इन दिनों साइबर ठग वैक्सीनेशन के ऑनलाइन स्लॉट की फर्जी लिंक बनाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। फर्जी लिंक में फंसने वालों के खाते से ठग पैसे चोरी कर रहे हैं। ऐसी कई वारदातें सामने आई है। लोगों को ऐसी लिंक से बचना चाहिए। इस तरह ठगी करने वालों पर शिकंजा कसने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
सुधीर अग्रवाल एसपी साइबर सेल