थाटीपुर निवासी छात्र चीन में मेडिकल की पढ़ाई करता है। वह 14 जनवरी को घर वापस लौटकर आया। उसे सर्दी-जुकाम और खांसी की शिकायत पर जिला अस्पताल पहुंचा था। डॉक्टर को बताया तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग तक सूचना पहुंची, लेकिन इस बीच मरीज अस्पताल से चला गया। रिकॉर्ड में नाम-पता गलत दर्ज कराए जाने से पहचान में मुश्किल आई। हालांकि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर मरीज की पहचान की । स्वास्थ्य विभाग ने उसे कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की श्रेणी में रखा है।
जेएएच में मची हलचल पूछताछ करते रहे लोग: कोरोना वायरस का मरीज जेएएच में आने की चर्चा सबकी जुबान पर थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे आइसोलेशन वार्ड (पूर्व में स्वाइन फ्लू के लिए बने) में लेकर पहुंची थी। अस्पताल स्टाफ, जिन लोगों को संदिग्ध मरीज के अस्पताल आने का पता चल गया था वह मरीज के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश में लगे रहे। संदिग्ध मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर गेट पर गार्ड बैठा दिया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगे क्या किया जाए।
रात को घर आइसोलेशन किया, सुबह मनाकर ले आए जेएएच
स्वास्थ विभाग की टीम ने रात तक थाटीपुर में छात्र का पता ठिकाना ढूंढ लिया था। उसके घर पहुंचकर उससे जेएएच में भर्ती होने के लिए कहा। लेकिन छात्र के और उसके परिजन राजी नहीं हुए। सुबह मुरार जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. नरेश लक्ष्यवानी और जिला महामारी अधिकारी महेन्द्र पिपरौलिया की टीम ने फिर उसके घर पहुंची। बीमारी और ऐहतियात संबंधी जानकारी देकर सतर्कता के लिए उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखने की सलाह दी। परिजन को बात समझ में आई, तब छात्र को सुबह करीब 10 बजे जेएएच आ गया।
रिपोर्ट का इंतजार
संदिग्ध मरीज को भर्ती किया गया है, उसका इलाज किया जा रहा है। जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर पूना भेजा गया है। रिपोर्ट आने का इंतजार है।
अशोक मिश्रा जेएएच अधीक्षक