ग्वालियर

कोरोना वायरस ने बंदियों की रिहाई के रास्ते खोले

संगीन अपराधों में जेल की सलाखों के पीछे सालों से बंद कैदी अब कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण जल्द ही हमेशा के लिए अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मिल सकेंगे। करीब छह दिन बाद ही केन्द्रीय जेल के 16 बंदी हमेशा के लिए समय से पहले रिहा कर दिए जाएंगे।

ग्वालियरApr 06, 2020 / 07:19 pm

रिज़वान खान

कोरोना वायरस ने बंदियों की रिहाई के रास्ते खोले

ग्वालियर. संगीन अपराधों में जेल की सलाखों के पीछे सालों से बंद कैदी अब कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण जल्द ही हमेशा के लिए अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मिल सकेंगे। करीब छह दिन बाद ही केन्द्रीय जेल के 16 बंदी हमेशा के लिए समय से पहले रिहा कर दिए जाएंगे। मालूम हो कि कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंशन बनाए रखने के लिए जेल में ठसाठस भरे बंदियों की संख्या को कम किया जा रहा है। इसके चलते कई निर्णय लिए गए। जिसमें एक यह भी शामिल है। हालांकि जिन बंदियों की रिहाई हो रही है उनका छूटना तो तय था, लेकिन इसके लिए चार महीने और जेल के अंदर रहना पड़ता। अब यह बंदी 10 अप्रेल तक छोड़ दिए जाएंगे। जेल मुख्यालय ने इन बंदियों की सूची 31 मार्च तक मांगी थी। ग्वालियर से भी बंदियों की सूची भेजी गई थी।
18 में से 2 बंदियों की रिहाई निरस्त
जेल अधीक्षकों से उनके जेल में बंद बंदियों की रिहाई की सूची मांगी गई थी। जिसमें ग्वालियर सेंट्रल जेल से 18 नामों की सूची भेजी गई थी। सूत्रों का कहना है जिसमें 2 बंदियों की रिहाई निरस्त कर दी गई। जिन बंदियों की रिहाई निरस्त हुई वह बलात्कार के आरोपी बताए जाते हैं।
पैरोल से लौटकर आए बंदियों को फिर पेरोल
कोरोना वायरस के चलते सजायाफ्ता बंदियों को 60 दिन की पेरोल पर छोड़ा गया है, लेकिन जो बंदी लॉकडाउन से पहले पैरोल पर थे अब वह लौटने लगे। लेकिन जेल प्रशासन ने उनकी 7 दिन की पैरोल और बढ़ाकर उन्हें वापस घर भेज दिया है। लॉकडाउन से पहले करीब 64 बंदी पैरोल पर गए थे।
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