जब भरत सोनी ने इस पूरे मामले की जानकारी गांव वालों को दी, तो कुछ गांव वाले भरत के साथ कोटा में स्थित अस्थाई चौकी पर उक्त पुलिसकर्मी से बात करने के लिए पहुंचे, तो पुलिसकर्मी सो रहा था। एक अन्य पुलिसकर्मी ने गांव वालों को पुलिसकर्मी के सोने का हवाला देते हुए वापिस लौटने की सलाह दी, लेकिन ग्रामीणों ने जिद कर जब उक्त पुलिसकर्मी को जगाया, तो उसने ग्रामीणों को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अगर ज्यादा करोगे, तो तुम सबके खिलाफ 157, 181 की कार्रवाई कर दूंगा। इसके बाद उन्होंने अपने साथी पुलिसकर्मियों को आदेश दिया कि लाठी लाकर इन सब लोगों को भी पीट दो।
ग्राम पंचायत हातौद के ग्राम अर्जुनगवां खुर्द निवासी इकबाल सिंह की 4 अप्रैल की रात पेशाब रुक जाने के कारण तबीयत बिगड़ गई। हालात ऐसे निर्मित हो गए कि उन्हें हॉस्पिटल तक ले जाना संभव नहीं था। ऐसे में इकबाल सिंह ने एमएम हॉस्पिटल में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मी भरत सोनी (जो रिश्ते में उनका दामाद लगता है) को फोन लगा कर इसकी सूचना दी। उक्त सूचना के बाद भरत सोनी रात करीब पौने दस बजे इकबाल सिंह को आपातकालीन सेवाएं देने के लिए जा रहा था। बकौल भरत इसी दौरान उसे रास्ते मे ग्राम कोटा पर पुलिस द्वारा बनाई गई अस्थाई चौकी पर पदस्थ एक पुलिसकर्मी ने रोक लिया।