scriptकोटपा कानून: 10 साल में 10 लोगों पर भी नहीं हो पाई कार्रवाई | Cotapa law: 10 people in 10 years have not been able to take action | Patrika News

कोटपा कानून: 10 साल में 10 लोगों पर भी नहीं हो पाई कार्रवाई

locationग्वालियरPublished: Jul 10, 2018 01:35:47 am

Submitted by:

Gaurav Sen

ग्वालियर संभाग में स्थिति और भी खराब है, यहां तंबाकू का सार्वजनिक स्थलों पर सेवन करने वालों पर कार्रवाई करने में लगातार लापरवाही बरती जा रही

Cotapa law: 10 people

कोटपा कानून: 10 साल में 10 लोगों पर भी नहीं हो पाई कार्रवाई

ग्वालियर। सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (कोटपा) एक्ट 2003 का पालन करने में ग्वालियर सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। पूरे प्रदेश में मार्च-2014 से मार्च-2015 की अवधि में 140 कार्रवाई करके 14,170 रुपए का जुर्माना वसूला गया था। इसके बाद मार्च-2015 से लेकर मार्च-2017 तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। ग्वालियर संभाग में स्थिति और भी खराब है, यहां तंबाकू का सार्वजनिक स्थलों पर सेवन करने वालों पर कार्रवाई करने में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। यह स्थिति तब है जबकि संभवत: प्रदेश की पहली कार्रवाई जिले की डबरा तहसील में की गई थी। 2008-2009 में हुई इस कार्रवाई के बाद से अभी तक लगभग 10 साल की अवधि पूरी होने को है और अधिकारी 10 लोगों पर भी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
मासिक अपराध समीक्षा में नहीं शामिल
कोटपा को लेकर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा ने ८ अगस्त २०१७ को देश की संसद में सवाल पूछा था। इसके जवाब में केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बताया था कि केन्द्र के निर्देश के बाद भी मध्यप्रदेश में कोटपा के तहत होने वाले अपराधों को जिला स्तरीय मासिक अपराध समीक्षा बैठक में शामिल करने के लिए अभी तक विशेष पहल नहीं की गई है।
डबरा में दर्ज हुआ था पहला मामला
कोटपा कानून के तहत सबसे पहला प्रकरण और जुर्माना डबरा तहसील परिसर में दर्ज किया गया था। तत्कालीन एसडीएम नियाज अहमद खान ने लगभग 10 साल पहले यह कार्रवाई की थी। इसमें तहसील परिसर में तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले पांच लोगों पर जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद कुछ अन्य जगहों पर छिटपुट कार्रवाईं हुईं, लेकिन २०१४ के बाद से पूरे प्रदेश में कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं हुई है।
कलेक्ट्रेट में रखा दान पात्र
गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि को छोडऩे के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने कलेक्ट्रेट परिसर में दानपात्र रखवाया था। शीशे के बने इस पात्र में तंबाकू उत्पादों को संकल्प के साथ तिलांजलि देकर जेब में रखे गुटखा, बीड़ी आदि को दान करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का काम शुरू किया था। इसमें एक हजार से अधिक बीड़ी बंडल और गुटखा पाउचों को लोगों ने दान भी किया था। अब इसके प्रति लोगों ने रुचि दिखाना बंद कर दिया है।
अब यह दिए हैं निर्देश
बीते चार दिन से संभागायुक्त बीएम शर्मा, कलेक्टर अशोक वर्मा सहित अन्य अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 अधिनियम का पालन करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दे रहे हैं। सोमवार को भी कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव ने तंबाकू का उपयोग करने से होने वाले नुकसान और दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के सूचना पटल सभी जगह लगाने के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा है कि अगर आप इस्तेमाल करते हैं तो स्वयं तंबाकू उत्पाद छोड़ें और दूसरों को भी प्रेरित करें। कार्यालय या अन्य सार्वजनिक परिसर में उपयोग होता मिले तो सीधे 200 रुपए का जुर्माना करें।
यह है कोटपा में प्रावधान
सेक्शन-4
-सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सरकारी-निजी क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर नो स्मोकिंग जोन का साइन बोर्ड लगा होना चाहिए।
-सेक्शन-5
-तंबाकू उत्पाद, विज्ञापन, प्रमोशन और प्रोत्साहन प्रतिबंधित। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन नहीं किया जा सकता है। सांस्कृतिक समारोह, खेल के जरिए तंबाकू उत्पाद कंपनियां प्रमोशन नहीं कर सकती हैं।
-सेक्शन-6
नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध। (६-बी) के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों के चारों ओर १०० मीटर की परिधि में उत्पाद नहीं बेचे जा साकते।
-सेक्शन-7
तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक होने की चेतावनी बड़े और साफ शब्दों में लिखा होना अनिवार्य है।
दिए हैं निर्देश
-तंबाकू उत्पादों को प्रतिबंधित करने के लिए दो दिन पहले ही बैठक में निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इस्तेमाल करने वालों पर २०० रुपए अर्थदंड की कार्रवाई करने के लिए भी अधिकारियों से कहा है।
बीएम शर्मा, संभागायुक्त

ट्रेंडिंग वीडियो