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बाड़े पर फिर फुटपाथियों को बैठाने से भडक़े पार्षद, बोले-क्या यह कोर्ट की अवहेलना नहीं है

locationग्वालियरPublished: Oct 18, 2019 01:30:23 am

Submitted by:

Rahul rai

सभापति राकेश माहौर ने निगम कमिश्नर संदीप माकिन को आदेश दिया कि वह स्थिति स्पष्ट करें कि महाराज बाड़े पर फुटपाथ बाजार लग सकता है या नहीं। सभापति ने 5 नवंबर को होने वाली बैठक में इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

बाड़े पर फिर फुटपाथियों को बैठाने से भडक़े पार्षद, बोले-क्या यह कोर्ट की अवहेलना नहीं है

बाड़े पर फिर फुटपाथियों को बैठाने से भडक़े पार्षद, बोले-क्या यह कोर्ट की अवहेलना नहीं है

ग्वालियर। दीपावली के त्योहार पर महाराज बाड़े पर फुटपाथ बाजार लगाने का मुद्दा गुरुवार को नगर निगम परिषद की बैठक में उठा। पार्षद धर्मेन्द्र राणा ने कहा कि प्रशासन और पुलिस जब चाहे महाराज बाड़े पर फुटपाथियों को बैठा देते हैं, ऐसा नहीं चलेगा। यह तय किया जाए कि आखिर कोर्ट का आदेश एबीडी एरिया के लिए क्या है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महाराज बाड़े पर फुटपाथियों को बैठाया है तो क्या कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं होगी। इस पर सभापति राकेश माहौर ने निगम कमिश्नर संदीप माकिन को आदेश दिया कि वह स्थिति स्पष्ट करें कि महाराज बाड़े पर फुटपाथ बाजार लग सकता है या नहीं। सभापति ने 5 नवंबर को होने वाली बैठक में इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
पार्षद धर्मेन्द्र कुशवाह ने फुटपाथियों के संबंध में परिषद में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें कहा गया कि महाराज बाड़ा ही नहीं बल्कि मुरार और लश्कर में भी फुटकर व्यवसायियों के लिए छह से आठ स्थान चिह्नित किए जाएं और लॉटरी सिस्टम से जगह आवंटित की जाए। इस बिंदु पर चर्चा के दौरान पार्षद राणा ने बाड़े पर बैठाए गए फुटपाथियों का मुद्दा उठा। उन्होंने कहा कि कई बार पार्षदों ने निगम अधिकारियों से फुटपाथ लगाने के लिए कहा, लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी प्रशासन और पुलिस के कहने पर चल रहे हैं।
टाउन हॉल का कार्य स्मार्ट सिटी कर रही है, फिर लाखों का बिजली बिल निगम क्यों भर रहा
महाराज बाड़े पर स्थित टाउन हॉल के रेनोवेशन का कार्य कई सालों बाद भी पूर्ण नहीं होने और निगम द्वारा हर महीने 1.5 लाख रुपए का बिजली का बिल भरने पर नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने कहा कि यहां स्मार्ट सिटी द्वारा कार्य किया जा रहा है तो बिजली का बिल निगम क्यों भर रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर भी पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की।
शहर की नहीं, स्मार्ट सिटी सीइओ की बदल गई रंगत
दोपहर 3 बजे से हुई बैठक में पार्षद बृजेश गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी को इतने अधिकार कहां से मिल गए। परिषद में तो इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। बिना परिषद या फिर एमआइसी के स्मार्ट सिटी कंपनी को गाडिय़ां उठाने का अधिकार कैसे मिला। कंपनी द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं, उनमें से अभी तक एक भी कार्य ऐसा नहीं है जिससे कहा जा सके कि शहर स्मार्ट हुआ हो। शहर की रंगत बदली या नहीं, लेकिन स्मार्ट सिटी के सीइओ महीप तेजस्वी की रंगत जरूर बदल रही है।
दीपावली से पहले मिले वेतन
पार्षद राणा ने आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन दीपावली से पहले देने की मांग की। इस पर कमिश्नर ने कहा कि वेतन के लिए मद में पैसे की कमी है। इस पर सभी की सहमति से दूसरे मद से पैसा लेने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
यह दिए आदेश
सभापति ने निगम की दुकानों के ट्रांसफर और नामांकन में हो रही देरी पर चर्चा एवं निणर्य के संबंध में जानकारी नहीं देने पर प्रस्ताव को फिर से परिषद की बैठक में सही ढंग से प्रस्तुत करने के आदेश दिए। साथ ही पार्षद घनश्याम गुप्ता द्वारा दिए शिकायती आवेदन पर जांच कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ठहराव के अंतर्गत पूर्व सभापति के चित्र परिषद में लगाने का आदेश भी निगम कमिश्नर को दिया।
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