महाराज बाड़े पर स्थित टाउन हॉल के रेनोवेशन का कार्य कई सालों बाद भी पूर्ण नहीं होने और निगम द्वारा हर महीने 1.5 लाख रुपए का बिजली का बिल भरने पर नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने कहा कि यहां स्मार्ट सिटी द्वारा कार्य किया जा रहा है तो बिजली का बिल निगम क्यों भर रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर भी पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की।
दोपहर 3 बजे से हुई बैठक में पार्षद बृजेश गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी को इतने अधिकार कहां से मिल गए। परिषद में तो इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। बिना परिषद या फिर एमआइसी के स्मार्ट सिटी कंपनी को गाडिय़ां उठाने का अधिकार कैसे मिला। कंपनी द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं, उनमें से अभी तक एक भी कार्य ऐसा नहीं है जिससे कहा जा सके कि शहर स्मार्ट हुआ हो। शहर की रंगत बदली या नहीं, लेकिन स्मार्ट सिटी के सीइओ महीप तेजस्वी की रंगत जरूर बदल रही है।
पार्षद राणा ने आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन दीपावली से पहले देने की मांग की। इस पर कमिश्नर ने कहा कि वेतन के लिए मद में पैसे की कमी है। इस पर सभी की सहमति से दूसरे मद से पैसा लेने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
सभापति ने निगम की दुकानों के ट्रांसफर और नामांकन में हो रही देरी पर चर्चा एवं निणर्य के संबंध में जानकारी नहीं देने पर प्रस्ताव को फिर से परिषद की बैठक में सही ढंग से प्रस्तुत करने के आदेश दिए। साथ ही पार्षद घनश्याम गुप्ता द्वारा दिए शिकायती आवेदन पर जांच कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ठहराव के अंतर्गत पूर्व सभापति के चित्र परिषद में लगाने का आदेश भी निगम कमिश्नर को दिया।