विशेष न्यायालय ने ममता बाथम को यह सजा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा १३ एक डी १३(२) अपराध में सुनाई है। इसके अलावा धारा सात में भी तीन साल का कारावास सुनाया गया है। विशेष लोक अभियोजक अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी में आडत का लायसेंस बनाने के लिए ममता बाथम ने फरियादी सुनील गुप्ता से छह हजार रुपए मांगे थे। बाद में वह पांच हजार में लायसेंस बनाने के लिए तैयार हो गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने ममता के ड्रावर में से रिश्वत में ली हुई राशि बरामद कर ली थी। जब उसके हाथ धुलवाए थे तो लाल हो गए थे।
रिश्वत नहीं देने पर किया जा रहा था परेशान
रिश्वत नहीं देने पर किया जा रहा था परेशान
फरियादी सुनील गुप्ता ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी कि लक्ष्मीगंज सब्जी मंड के पीछे स्थित कृषि उपज मंडी कार्यालय में कार्यरत ममता बाथम लायसेंस के लिए रिश्वत मांग रही है। इसकी पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस ने २६ फरवरी २०१६ को डीएसपी आरबी शर्मा के नेतृत्व में इंसपेक्टर रानीलता नामदेव व टीम के अन्य सदस्यों ने ममता बाथम को उस समय दबोच लिया था जब वह फरियादी सुनील से रिश्वत के पांच हजार रुपए ले रही थी। पहले सुनील से इस काम के लिए १५ हजार रुपए मांगे थे बाद में रिश्वत की राशि कम की गई थी।
रिश्वत के लिए दोस्तों से लिए थे उधार
रिश्वत के लिए दोस्तों से लिए थे उधार
टेम्पो चालक सुनील ने आडत का काम शुरु कर दिया था। लेकिन इसके लिए उसे लायसेंस चाहिए था। लायसेंस के लिए रिश्वत देने उसने अपने मित्रों से छह हजार रुपए उधार में लिए थे। एक हजार रुपए वह पहले दे चुका था।