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ग्रंथ को बैक्टीरिया से बचाने के लिए रेड क्लॉथ में कवर करें, पास रखें नीम की सूखी पत्तियां

locationग्वालियरPublished: Dec 05, 2019 11:12:55 pm

Submitted by:

Harish kushwah

अधिकतर घरों में रामायण, गीता, कुरान आदि ग्रंथ होते हैं, लेकिन समय-समय पर क्लीनिंग न हो पाने के कारण उनमें वैक्टीरिया लग जाते हैं, जो पेज को नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ ही समय में पेज टूटने लगते हैं या फिर उनमें फफूंद लग जाती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आपको ट्रीटमेंट देना होगा।

ग्रंथ को बैक्टीरिया से बचाने के लिए रेड क्लॉथ में कवर करें, पास रखें नीम की सूखी पत्तियां

ग्रंथ को बैक्टीरिया से बचाने के लिए रेड क्लॉथ में कवर करें, पास रखें नीम की सूखी पत्तियां

ग्वालियर. अधिकतर घरों में रामायण, गीता, कुरान आदि ग्रंथ होते हैं, लेकिन समय-समय पर क्लीनिंग न हो पाने के कारण उनमें वैक्टीरिया लग जाते हैं, जो पेज को नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ ही समय में पेज टूटने लगते हैं या फिर उनमें फफूंद लग जाती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आपको ट्रीटमेंट देना होगा। कुछ घरेलू तरीकों से भी आप इन पेजों को बचा सकते हैं। यह जानकारी पटना से एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित ज्योति राजे ने दी। यह वर्कशॉप जय विलास पैलेस की ओर से आयोजित की गई, जिसमें पुराने ग्रंथों एवं पांडुलिपियों को संरक्षित करने के बारे में बताया गया। इसका विषय कंजर्वेशन एंड प्रिवेंशन ऑफ मैनुस्क्रिप्ट एंड अर्काइवल कलेक्शन रखा गया था। इस अवसर पर मुनमुन मंडल भी उपस्थित रहीं।
हर माह करें ब्रशिंग

एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित पटना से विभास कुमार ने बताया कि ग्रंथों की महीने में एक बार हेयर ब्रश से क्लीनिंग की जानी चाहिए। उन्हें रेड कॉटन क्लाथ में रैप करके रखना चाहिए। वैक्टीरिया से बचाने के लिए सूखी हुई नीम की पत्तियों, दालचीनी का पावडर, तेजपत्ता पावडर और लौंग का यूज कर सकते हैं।
पैलेस में पांडुलिपियों का हो रहा संरक्षण

जय विलास पैलेस में कई पांडुलिपियां रखी हैं, जिनका इन दिनों ट्रीटमेंट चल रहा है। इसके लिए छह लोगों की टीम पटना से ग्वालियर आई है, जो इन पांडुलिपियों को संरक्षित कर रही है।
वैक्टीरिया लगने पर ये करें

फंगस

पहचान- पेपर के ऊपर सफेद फफूंद जम जाती है। पेज का काफी भाग वैक्टीरिया खत्म कर चुके होते हैं।

ये करें- क्लोज कैबिन बनाएं, जो एयर टाइट हो। कपड़े से कवर करके रखे ग्रंथ के पास अजवाइन पावडर रख दें। यह सात दिनों तक करें।
एसिडिटी :

पहचान- पेपर यलो या ब्राउन कलर में कन्वर्ड हो जाता है। पन्ना पलटने पर वह टूटने लगता है।

क्या करें– इसका उपाय वॉटर में केमिकल डालकर किया जाता है, जो घर में नहीं हो सकता।
इसेंटक्ट अटैक

पहचान- पेज में कई प्रकार के कीड़े नजर आते हैं, कुछ ऐसे भी कीड़े होते हैं, जो नजर नहीं आते।

क्या करें- पेपर के बीच सिल्वर फिश, कोकलीज, बुक वॉर्म, बुक लीफ, काक्रोच, रेड टर्माइट नजर आते हैं। इसकी ब्रशिंग करें और तेज पत्ते का पाउडर बनाकर पास रखें।
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