हर माह करें ब्रशिंग एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित पटना से विभास कुमार ने बताया कि ग्रंथों की महीने में एक बार हेयर ब्रश से क्लीनिंग की जानी चाहिए। उन्हें रेड कॉटन क्लाथ में रैप करके रखना चाहिए। वैक्टीरिया से बचाने के लिए सूखी हुई नीम की पत्तियों, दालचीनी का पावडर, तेजपत्ता पावडर और लौंग का यूज कर सकते हैं।
पैलेस में पांडुलिपियों का हो रहा संरक्षण जय विलास पैलेस में कई पांडुलिपियां रखी हैं, जिनका इन दिनों ट्रीटमेंट चल रहा है। इसके लिए छह लोगों की टीम पटना से ग्वालियर आई है, जो इन पांडुलिपियों को संरक्षित कर रही है।
वैक्टीरिया लगने पर ये करें फंगस पहचान- पेपर के ऊपर सफेद फफूंद जम जाती है। पेज का काफी भाग वैक्टीरिया खत्म कर चुके होते हैं। ये करें- क्लोज कैबिन बनाएं, जो एयर टाइट हो। कपड़े से कवर करके रखे ग्रंथ के पास अजवाइन पावडर रख दें। यह सात दिनों तक करें।
एसिडिटी : पहचान- पेपर यलो या ब्राउन कलर में कन्वर्ड हो जाता है। पन्ना पलटने पर वह टूटने लगता है। क्या करें– इसका उपाय वॉटर में केमिकल डालकर किया जाता है, जो घर में नहीं हो सकता।
इसेंटक्ट अटैक पहचान- पेज में कई प्रकार के कीड़े नजर आते हैं, कुछ ऐसे भी कीड़े होते हैं, जो नजर नहीं आते। क्या करें- पेपर के बीच सिल्वर फिश, कोकलीज, बुक वॉर्म, बुक लीफ, काक्रोच, रेड टर्माइट नजर आते हैं। इसकी ब्रशिंग करें और तेज पत्ते का पाउडर बनाकर पास रखें।