क्राइम ब्रांच के सिपाही ने साथी पर तानी पिस्टल,चले लात-घूंसे
क्राइम ब्रांच के सिपाही ने साथी पर तानी पिस्टल,चले लात-घूंसे

ग्वालियर। क्राइम ब्रांच के दो सिपाहियों में मंगलवार को झगड़ा हो गया और उनमें लात,घूंसे चल गए। इसके बाद एक सिपाही नेअपने साथी पर पिस्टल तानकर धमकी दे डाली। साथियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
एसपी ऑफिस के क्राइम ब्रांच के दफ्तर में मंगलवार दोपहर सिपाही धर्मेन्द्र तोमर और नरसिंह तोमर बैठे हुए थे। दोनों में क्रिकेट मैच को लेकर बातचीत होने लगी,इस दौरान दोनों ने एक दूसरे पर कमेंट्स कर दिए, इस पर उनमें झगड़ा हो गया। दोनों में मारपीट हो गई,इसी दौरान नरसिंह ने धर्मेन्द्र पर पिस्टल तान दी हालांकि पुलिस अधिकारी पिस्टल तानने की बात से इंकार कर रहे हैं।
"झगड़े की बात सामने आई है। दोनों सिपाहियों को लाइन अटैच कर दिया गया है। मामले की जांच कराई जा रही है।"
डॉ आशीष, एसपी
आरोपी ने कहा- मुझे अंग्रेजी नहीं आती
ग्वालियर। व्यापमं घोटाले में चालान पेश करने के बाद केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ हिंदी-अंग्रेजी के चक्कर में उलझ गई है। तीन मामलों में अदालत द्वारा आरोपियों को चालान की हिंदी में कॉपी देने के आदेश के बाद जब भी कोई प्रकरण सुनवाई में आता है उसमें आरोपी द्वारा चालान की प्रति हिंदी में देने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिया जाता है। इससे परेशान होकर सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका प्रस्तुत कर दी।
वहीं उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश पर पुनर्विचार के लिए भी याचिका प्रस्तुत की।आरक्षक भर्ती घोटाले मेें आरोपी नरोत्तम धाकड़ द्वारा उसे हिंदी में चालान की प्रति नहीं दिए जाने पर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी। आरोपी धाकड़ का कहना था कि उसे अंग्रेजी समझ में नहीं आती है। मप्र की भाषा हिंदी है इसलिए उसी भाषा में आरोप पत्र दिया जाए जिसे वह समझ सके। इस याचिका को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने सीबीआइ को हिंदी में कॉपी देने के आदेश दिए थे।
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