ग्वालियर

आए दिन लग रहे शासन पर हर्जाने, अब कोर्ट ने यह गिनाई वजह

फर्जी विकलांग प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने पर कार्रवाई की मांग को लेकर पेश की गई जनहित याचिका पर शासन द्वारा…

ग्वालियरSep 17, 2019 / 06:55 pm

रिज़वान खान

आए दिन लग रहे शासन पर हर्जाने, अब कोर्ट ने यह गिनाई वजह

ग्वालियर. फर्जी विकलांग प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने पर कार्रवाई की मांग को लेकर पेश की गई जनहित याचिका पर शासन द्वारा कई अवसर दिए जाने के बाद भी जवाब नहीं दिए जाने पर उच्च न्यायालय ने 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने यह हर्जाना लगाया है। हिमांचली मिश्रा ने एडवोकेट जितेन्द्र सिंह राठौर के माध्यम से उच्च न्यायालय में यह जनहित याचिका पेश की। जिसमें कहा गया कि फर्जी विकलांग प्रमाण पत्रों के आधार पर कई लोगों ने सरकारी नौकरी हासिल कर ली है। इस पर न्यायालय ने सभी को पार्टी बनाए जाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में शासन द्वारा जवाब पेश नहीं किया जा रहा था। इस पर शासन पर यह हर्जाना लगाया है।
हर्जाना लगा तो किया जवाब पेश, आदेश सुरक्षित
उच्च न्यायालय द्वारा चिकित्सकों की नियुक्ति के मामले में शासन के नियमों को चुनौती देते हुए पेश की गई याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया है। पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने शासन पर 15 हजार रुपए का हर्जाना लगाया था इसके बाद शासन की ओर से जवाब पेश कर दिया गया। डॉ. अमित शर्मा ने यह याचिका मध्यप्रदेश शासन के 1 अक्टूबर 18 के गजट नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए पेश की गई है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार भविष्य में जब भी आयुष चिकित्सकों के पद के लिए भर्ती परीक्षा होगी तो उसमें प्रदेश के मूल निवासियों को अतिरिक्त अंकों का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में बतौर आयुष चिकित्सक कार्य कर चुके प्रतिभागियों को भी अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। याचिका में कहा गया कि अन्य योजनाएं भी हैं उन्हें इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया।

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