scriptआसपास अतिक्रमण होने से नहीं भर रहे बांध | Dams are not filling due to encroachment around | Patrika News

आसपास अतिक्रमण होने से नहीं भर रहे बांध

locationग्वालियरPublished: Oct 07, 2019 01:29:44 am

आधे शहर के जलस्तर को स्थिर रखने में सहायक होने के साथ मुरार नदी को पूरे वर्ष पानी देने में सक्षम रमौआ बांध सरकारी लापरवाही और अतिक्रमण के कारण 20 साल में 20 फीसदी भी नहीं भर सका है। कैचमेंट वाले इस बांध तक पानी पहुंचाने वाले नाले या तो अतिक्रमण के कारण बरसात का पानी बांध तक नहीं पहुंच पा रहा है।

आसपास अतिक्रमण होने से नहीं भर रहे बांध

आसपास अतिक्रमण होने से नहीं भर रहे बांध

ग्वालियर. आधे शहर के जलस्तर को स्थिर रखने में सहायक होने के साथ मुरार नदी को पूरे वर्ष पानी देने में सक्षम रमौआ बांध सरकारी लापरवाही और अतिक्रमण के कारण 20 साल में 20 फीसदी भी नहीं भर सका है। 75.18 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट वाले इस बांध तक पानी पहुंचाने वाले नाले या तो अतिक्रमण का शिकार होकर खत्म हो गए हैं या फिर डायवर्सन के कारण बहाव खत्म हो गया है। स्थिति यह है कि 15 साल से इस बांध में बरसाती नालों का पानी आना न के बराबर रह गया है।
मुरार क्षेत्र के जलस्तर को स्थिर रखने के लिए रमौआ, जड़ेरुआ, अलापुर बांध बनाए गए थे। इनमें रमौआ बांध से मुरार नदी में पानी आता था, जिससे इस पूरे क्षेत्र में जलापूर्ति के साथ भू जलस्तर भी अच्छा रहता था। वर्ष 2003 के बाद क्षेत्रीय विकास और जमीनों की कीमतें बढऩे के बाद नदी और बांध की जमीनों पर लोगों ने कब्जा शुरू कर दिया और बांध को भरने नहीं दिया गया। स्थिति यह है कि 1916 में बना यह बांध अब अस्तित्व खोता जा रहा है।
किसान कर रहे हैं खेती

बांध की जमीन पर आसपास के किसानों ने कब्जा कर लिया है और लगातार खेती कर रहे हैं। वह बारिश के समय जानबूझकर बांध के वॉल्व खराब कर देते हैं, जिससे इसमें से पानी एक लेवल के बाद बाहर निकल जाता है। जल संसाधन, नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम है कि 12.80 मिलियन घनमीटर क्षमता वाले इस बांध में अब बमुश्किल दो-तीन मिलियन घनमीटर पानी ही भरता है।
ऐसे भर सकता है बांध : जौरासी के जंगलों से बहकर आने वाला पानी अभी भी बांध तक पहुंचता है। बारिश से पहले अगर बांध का वॉल्व सही कर दिया जाए तो इसमें पानी टिका रहेगा। किसानों से वॉल्व को बचाने के लिए यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा सकते हैं। अगर दो महीने तक लगातार वॉल्व बंद रहे तो बारिश के पानी और वर्तमान सोर्स से ही यह बांध 60 फीसदी तक भर सकता है। वॉल्व को पूरे वर्ष बंद रखा जाए तो इसमें पानी खत्म नहीं होगा।
पेयजल की बनी थी योजना 

रमौआ बांध से मुरार की 2 लाख आबादी तक पानी पहुंचाने की योजना नगर निगम ने बनाई थी। इसके लिए हरसी नहर से पानी लाने का प्लान बनाया गया था। इसके लिए भोपाल में बैठक भी हो चुकी है, जिसमें तत्कालीन कलेक्टर पी नरहरि की मौजूदगी में हरसी नहर से पानी लाने के प्लान को नकार दिया गया था।
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