scriptहिंदू राजाओं के दरबारों में रहे जयपुर घराने के नर्तक | Dancers of Jaipur Gharana were in the courts of Hindu kings | Patrika News

हिंदू राजाओं के दरबारों में रहे जयपुर घराने के नर्तक

locationग्वालियरPublished: Nov 28, 2019 10:40:46 pm

Submitted by:

Mahesh Gupta

संगीत विश्वविद्यालय में व्याख्यान

हिंदू राजाओं के दरबारों में रहे जयपुर घराने के नर्तक

हिंदू राजाओं के दरबारों में रहे जयपुर घराने के नर्तक

जयपुर घराने की परम्पराएं विशिष्ट हैं। इसमें कथक कलाकार को पूरे जोश और तेजी के साथ परफ ॉर्म करना पड़ता है, जिसमें परन से लेकर चक्रदार परन तक में लगातार स्पीड बनानी पड़ती है और पैरों का मूवमेंट भी ज्यादा होता है। इसलिए कथक सीखने वाले छात्र-छात्राओं को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। जयपुर घराने से तात्पर्य कथक के राजस्थानी घराने से है। इसके नर्तक ज्यादातर हिंदू राजाओं के दरबारों में रहे। इस घराने में कथक की पुरानी परम्पराएं आज भी सुरक्षित हैं। यह जानकारी जयपुर घराने के अंतरराष्ट्रीय कथक कलाकार चरण गिरिधर चांद ने छात्र-छात्राओं को दी। वह संगीत विश्वविद्यालय के कथक नृत्य विभाग की ओर से तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इस दौरान डॉ. अंजना झा और डॉ. सुनील पावगी द्वारा उनका सम्मान भी किया गया।

पिता ने बनाईं कई रचनाएं
गिरिधर चांद ने बताया कि मेरे पिता नारायण प्रसाद नृत्याचार्य ने कई रचनाएं बनाई, जिनमें कालियादमन, गोवर्धन लीला, माखन चोरी, प्रमलू अंग के तोड़े, सोलह श्रंगार, सोलह अंग की रचना आदि शामिल थी। वह एक आंख से आंसू और दूसरी में मुस्कान दिखाने में सक्षम थे। मेरे दादा देवपरि के जोड़े के नाम से मशहूर थे। पिता के बड़े भाई हरिप्रसाद डांस करते थे, तो उनके पैर एक बिलांग ऊपर रहते थे। उनकी स्पीड इतनी अधिक रहती थी कि वह खाली भाग प्रस्तुति के दौरान दिखता ही रहता था।

व्याख्यान एवं कार्यशाला आज

कथक नृत्य विभाग द्वारा शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे से व्याख्यान एवं कार्यशाला का आयोजन होगा। इस अवसर पर जयपुर घराने के कथक कलाकार चरण गिरिधर चांद छात्र-छात्राओं को जयपुर घराने के बारे में बताएंगे।

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