सात दिन पहले आरोन से सेल्समैन कमानी पुल निवासी रामदीन राठौर को अगवा कर उसे जंगल में ले जाकर मारपीट कर पैसे लूटने की वारदात के बाद रन्नू रावत गैंग की तलाश में पुलिस की 5 पार्टियां जंगल में कूद गई थी। डकैत रन्नू और भूरा के अलावा गैंग में 3 और सदस्य हैं। आरोन, बेलगढ़ा, शिवपुरी के जंगलों में इसकी तलाश शुरू हुई। इसके मददगारों को भी पुलिस ने उठाया। आखिरकार पुलिस को 20 हजार का इनामी रन्नू रावत और इसके एक साथी जवाहर सिंह यादव को दबोच लिया, जबकि गैंग में शामिल भूरा और दो अन्य साथी अभी हाथ नहीं आ सके। सूत्रों की माने तो रन्नू और जवाहर को बुधवार की रात ही पुलिस ने उठा लिया था। जवाहर सिंह झांसी जिले का है। हत्या के आरोप में फरार था।
व्यापारी के बेटे को अगवा करने की फिराक में था गैंग
सूत्रों की मानें तो रन्नू रावत और उसका गैंग शिवपुरी जिले के एक व्यापारी के 15 साल के बेटे को अगवा करने की फिराक में थे। गैंग ने सोचा रखा था कि बच्चे को अगवा करने के बाद व्यापारी से मोटी रकम वसूल करेंगे। लेकिन पुलिस को गैंग का ठिकाना मालूम चला गया और दो लोग दबोच लिए।
मुखबिर से बन गया डकैत
रन्नू पहले पुलिस का मुखबिर भी रहा है। पुलिस को इसने कई बदमाशों को पकड़वाया भी है। करहिया थाना क्षेत्र के रिछारी गांव का रहने वाले रन्नू को कुछ साल पहले एएसपी प्रतिमा मैथ्यू के समय भी गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि आरोन, पनिहार सहित 3 स्थानों पर हुई डकैती में यह शामिल था। बाद में इसने कुछ लोगों को पकड़वाया भी था। कुछ महीने जेल में रहा। जेल से छूटकर इसने दतिया में एक लडक़े का अपहरण किया था। बेलगढ़ा में रायफल भी लूटी थी। इसक बाद यह डकैत बन गया। पुलिस के हाथ नहीं आया। इस पर दतिया पुलिस और ग्वालियर पुलिस ने 20 हजार का इनाम भी घोषित किया।