नशा मुक्ति केन्द्र: रडार पर इलाज करने वाले डॉक्टर
ग्वालियरPublished: Jun 25, 2016 11:44:00 pm
सोहम नशा मुक्ति केन्द्र पर मरीजों को दी जाने वाली यातनाओं का खुलासा
होने के बाद यहां इलाज करने जाने वाले डॉक्टर प्रशासन के रडार पर
हैं।डॉक्टरों को नोटिस जारी करने के साथ उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के
लिए एमसीआई को पत्र लिखने की कार्रवाई की जा रही है।
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ग्वालियर। सोहम नशा मुक्ति केन्द्र पर मरीजों को दी जाने वाली यातनाओं का खुलासा होने के बाद यहां इलाज करने जाने वाले डॉक्टर प्रशासन के रडार पर हैं।डॉक्टरों को नोटिस जारी करने के साथ उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के लिए एमसीआई को पत्र लिखने की कार्रवाई की जा रही है। इधर सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक ने छापामार कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने अवैध तरीके से संचालित अन्य केन्द्रों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। सामाजिक न्याय विभाग ने एसपी को अवैध तरीके से संचालित केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
पुलिस व सामाजिक न्याय विभाग को लिखा पत्र
सोहम नशा मुक्ति केन्द्र पर भर्ती मरीजों से मारपीट और अमानवीय व्यवहार होने का खुलासा होने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अनूप कम्ठान ने सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक को वैधानिक कार्रवाई कराने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि केन्द्र पर मरीजों को दवाई का वितरण किया जाता था, लेकिन चिकित्सकीय गतिविधि के लिए यह केन्द्र हमारे कार्यालय के अधीन उपचार्यागृह व रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है। वहीं बहोड़ापुर थाना प्रभारी को लिखे पत्र में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण नशा मुक्ति केन्द्र पर विभाग कार्रवाई करेगा। मरीजों के साथ मारपीट एवं अमानवीय व्यवहार के मामले में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र संचालकों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करें।
शहर में कितने अवैध केन्द्र नहीं पता
नशा मुक्ति केन्द्रों का पंजीयन जिस विभाग में होता है, उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि शहर में कितने अवैध केन्द्र चल रहे हैं। जबकि शहर में आधा दर्जन से अधिक नशा मुक्ति केन्द्र बिना पंजीयन के धड़ल्ले से चल रहे हैं। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों ने आज तक अवैध तरीके से संचालित केन्द्रों की खैर-खबर तक नहीं ली। अब जब एक नशा मुक्ति केन्द्र पर अमानवीय व्यवहार किए जाने की बात सामने आई, तो विभाग अन्य केन्द्रों पर भी कार्रवाई करने की बात कर रहा है।
24 घंटे बाद भी एफआईआर नहीं: सोहम नशा मुक्ति केन्द्र से छुड़ाए गए 53 लोगों में से पांच मरीजों के मेडिकल परीक्षण के बाद भी घटना के 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद संचालकों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं करा सका है। फरियादी बनकर अब तक कोई भी अधिकारी पुलिस थाने नहीं पहुंचा है।