दरअसल मरा समझ परिवार जिसका अंतिम संस्कार कर चुका था, और घर में मौत का मातम मनाया जा रहा था। इसी बीच वह अचानक सामने आया गया। उसे जिंदा देखकर परिवार दुख तो भूल गया, लेकिन उलझन में आ गया उनके घर का सदस्य जिंदा है तो वह कौन था जिसकी लाश का अंतिम संस्कार कर आए हैं। गुत्थी अब कोतवाली पुलिस के पाले में हैं। क्योंकि पुलिस भी सरकारी कागजों में अज्ञात लाश को उसके परिजन को सौंपना बता चुकी है।
नौगजा रोड पर रहने वाला रोहित करीब 15 दिन से गायब था। बिना बताए घर से जाना उसकी आदत में शामिल था, इसलिए परिजन भी चिंता नहीं करते थे। दो दिन पहले महाराज बाड़ा पार्क पर अज्ञात लाश मिली। उसका हुलिया रोहित से मेल खा रहा था।
पुलिस ने लाश की पहचान के लिए फोटो सोशल मीडिय़ा पर अपलोड किए, रोहित के परिजन ने देखे तो उसे रोहित समझ लिया। गफलत यहां हुई कि मृतक को लकवा लगा था, रोहित भी इसका शिकार हो चुका है।
मरने वाले का हुलिया और दाड़ी भी रोहित से मेल खा रही थी। रोहित का भाई श्याम और हेमंत के अलावा पिता और जीजा भी लाश की पहचान के लिए शव परीक्षण कर गए। उसे रोहित की लाश बताकर ले आए। उसका अंतिम संस्कार कर दिया। छोटे भाई ने सिर भी मुंडवा लिया।
श्मशान जाने से पहले पता चला
परिजन ने बताया शुक्रवार सुबह फूल बीनने जाने वाले थे, तब रोहित के साले का फोन आया कि वह तो जिंदा गिरवाई में पटाखा फैक्ट्री के पास बैठा है। यह सुनकर परिजन वहां पहुंचे। रोहित मिल गया तो उसे घर लाए, फिर पुलिस को बुलाया।
लाश किसकी पहचान की जाएगी
जिसे मृतक समझ कर परिजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। वह लाश किसकी है उसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने लाश परिजन को सौंपने से पहले उसके कपड़े और फोटो लिए हैं। उनके आधार पर उसकी पहचान की जाएगी।
- सत्येन्द्र सिंह, एएसपी
पुड़िया खाने गया, वहीं रुक गया
रोहित ने बताया अक्सर इसी तरह घर से चला जाता हूं, गुटखा खाने निकला था। गिरवाई में पटाखा कारखाना पहुंच गया, वहीं रुक गया। वहां रहने वाले जर्नादन सिंह के यहां रोटी खा लेता था। वहीं आसपास सो जाता था। शुक्रवार सुबह रिश्तेदार उसे देखकर भागा तो शक हुआ। कुछ देर बाद परिजन आकर ले गए।