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मनियर टोल नाके के पास स्थित कॉलोनी में रहने वाले गोविंद परिहार की बेटी शिवा परिहार उम्र 10 साल, आकांक्षा (16 ), भवूती (6 ) को बुखार आने पर तीनों बहनों को गुरुवार की शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार की शाम शिवा की हालत एकाएक बिगडऩे लगी तो उसे ट्रोमा के आईसीयू में शिफ्ट किया गया। परिजनों का कहना है कि शाम को जब शिवा के शरीर में हरकत होना कम हुईं और उसका शरीर ठंडा पडऩे लगा तो ड्यूटी नर्स से हमने कहा कि बेटी ठंडी पड़ रही है, लेकिन नर्स ने कहा कि वो सो रही है, उसे सोने दो। लेकिन जब शिवा का पूरा शरीर ठंडा पड़ गया तो हमने नर्स से कहा कि इसके शरीर में तो कोई हरकत नहीं हो रही। इसके बाद आनन-फानन में ड्यूटी डॉक्टर अनूप गर्ग को बुलाया और जब डॉक्टर ने देखा तो उसे मृत घोषित कर दिया।
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चूंकि मौत से पहले परिजन ड्यूटी नर्स को पुकार रहे थे, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया, इसलिए उनकी नाराजगी अधिक बढ़ गई। शिवा की मौत के बाद माहौल न बिगड़े तो एहतियात के तौर पर कोतवाली पुलिस को भी बुला लिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से कहा कि यदि आप लोग चाहें तो पीएम करवा लें, लेकिन परिजनों ने पीएम करवाने से इंकार कर दिया। शिवा की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन भी सकते में है और अब उसकी दोनों बहनों की जांच आदि भी करवाईजा रही हैं। अस्पताल प्रबंधन की यह भी लापरवाही रही कि शिवा को भर्ती हुए 24 घंटे बीत गए, लेकिन उसके ब्लड सैंपल की जांच नहीं करवाई गई, इसलिए अब उसकी मौत का कारण भी उसके साथ ही रहस्यमय हो गया। चूंकि मृतका का निवास मनियर क्षेत्र में है, और पिछले दिनों जो डेंगू के मरीज चिन्हित किए गए, वो सभी इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं, इसलिए अब एक मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन उसकी दोनों बहनों की डेंगू की जांच भी करवाने की बात कर रहा है।
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नहीं की जा सकी सैंपल की जांच
बालिका व उसकी बहनों को कल देर शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया। चूंकि डेंगू में इतनी जल्दी मौत नहीं होती, लेकिन यह भी पता नहीं है कि उसे कब से बुखार आ रहा था। चूंकि मौत इतनी जल्दी हुई कि उसकी कोई सैंपल जांच नहीं की जा सकी, लेकिन अब हम उसकी दोनों बहनों की डेंगू की जांच भी करवा रहे हैं।
डॉ. गोविंद सिंह, सिविल सर्जन