scriptसंगीत, नृत्य, काव्य और खूबसूरत रंगों से सजा ऋ तु-रंग | Decorating colors with music, dance, poetry and beautiful colors | Patrika News

संगीत, नृत्य, काव्य और खूबसूरत रंगों से सजा ऋ तु-रंग

locationग्वालियरPublished: Mar 25, 2019 01:14:42 am

चित्रकारों ने भरे कैनवास पर रंग

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संगीत, नृत्य, काव्य और खूबसूरत रंगों से सजा ऋ तु-रंग

ग्वालियर. प्रकृति में खिलती नई बौरे, कजरी चेती होरी से गुंजायमान वातावरण, मनमोहक नृत्य, चित्र और काव्य पाठ, कुछ ऐसा ही खूबसूरत संगम दिखा बसंत व होली के उपलक्ष्य में आयोजित हुए आइटीएम के ऋ तु रंग कार्यक्रम में। यह कार्यक्रम आइटीएम के नीम वीथिका में रविवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में पारंपरिक परिधानों में सजे स्टूडेट्स ने होरी खेलत हैं गिरधारी… से की। इसके बाद प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका डॉ रीता देव ने उपशास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। उन्होंने राग बसंत से शुरुआत कर सरस सुगंध नई वन वेली गाया।
शिनजिनि ने दी कथक की नयनाभिराम प्रस्तुति
पं. बिरजू महाराज की नातिन और प्रख्यात नृत्यांगना शिनजिनि कुलकर्णी ने इस कार्यक्रम में मनमोहक कथक प्रस्तुति आकर्षण का कंद्र रही। शुरूआत उन्होंने ‘देखो री खैवैया कैसे बन बन आए’ पर कथक की नयनाभिराम प्रस्तुति दी। फि र लखनऊ घराने के कथक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। तीन ताल में बिलंवित प्रस्तुत किया। उन्होंने इसके अंदर से कलाई के खूसबरूत आंदाज, नजरों के ठहराव जैसी भावभंगिमाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ-साथ उन्होंने अनामय भी प्रस्तुत किया। अपनी कदमतालों से उन्होंने पुल से गुजरती, रफ्तार धीमी और तेज चलती रेलगाड़ी की आवाज का अद्भुत अनुभव करवाया।
चित्रकारों ने भरे कैनवास पर रंग
इसके बाद शुरू हुआ होरी गाने का सिलसिला, जिसमें उन्होंने कैसी धूम मचाई कन्हैया, उड़त अबीर गुलाल लाली छाई है, चढ़ल चैत चित लागे सुनाई। युवआों की पसंद का ख्याल रखते हुए उन्होंने चलो गुइयां आज खेले होली कन्हैया घर गाया। उनके साथ तबले पर अभिषेक मिश्रा ने और हारमोनियम पर विवेक ने संगत की। इसके अलावा परिसर में प्रसिद्ध 12 चित्रकारों ने भी अपने बनाए कुछ चित्रों को पूर्ण किया।
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