एमपी के इस प्रत्येक घर में मिल रहा है डेंगू का लार्वा,पब्लिक में टेंशन
एमपी के इस प्रत्येक घर में मिल रहा है डेंगू का लार्वा,पब्लिक में टेंशन

ग्वालियर। शिवपुरी में डेंगू के तीन संदिग्ध मरीजों को चिह्नित होने के बाद जब मलेरिया विभाग ने उस क्षेत्र में सर्वे करवाया,तो लगभग हर घर में मच्छर का लार्वा मिला,जिसमें डेंगू व मलेरिया दोनों के ही मच्छरों के अंडे शामिल हैं। बारिश होने के साथ ही डेंगू का लार्वा इस बार जल्दी सक्रिय हो गया और घरों में स्थित पानी के टैंक,गमले व करवा (छोटी लोटेनुमा मटकी) में भी लार्वा मिल रहा है। चूंकि शहर में पानी का संकट है,इसलिए लोग इसे न केवल सहेज कर रखते हैं,बल्कि लार्वा मिलने पर भी उसमें दवा नहीं डालने दे रहे। ऐसे में विभाग की सर्वे टीम दूसरे उपाय कर रही है, ताकि बीमारियों से परिवार बचा रह सके।
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जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मनियर क्षेत्र की एक लड़की व दो भाइयों में संदिग्ध डेंगू पाए जाने पर जब उस क्षेत्र का सर्वे करवाया तो 28 घरों में से 20 घरों में मच्छर का लार्वा पाया गया। शहर भर में चल रहे सर्वे की जो रिपोर्ट आ रही है, उसमें लगभग हर घर में ही मच्छर का लार्वा मिल रहा है। घर के अंदर ही जो पानी के टैंक बनाए गए, उनमें भी मच्छर का लार्वा बहुत तेजी से पनप रहा है।
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चूंकि शहर में अच्छी बारिश के बाद भी कुछ क्षेत्र के बोर में इतना पानी नहीं आया कि लोग अपने जमा पानी को लार्वा के फेर में फेंक सकें, इसलिए जब उनसे पानी में दवा डालने की बात कही जाती है तो वे ना-नुकुर करने लगते हैं। इसलिए अब उस पानी में सरसों या मीठा (सोयाबीन का) तेल एक चम्मच डालने से भी लार्वा की प्रक्रिया रुक जाती है।
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सर्वे में जुटे स्कूली बच्चे व कर्मचारी
शहर में घर-घर सर्वे करने के लिए मलेरिया विभाग पर कर्मचारी न होने की वजह से 20 स्टूडेंट्स, 10 नपा कर्मचारी व 6 मलेरिया कर्मचारी इस सर्वे को कर रहे हैं। इनमें वे सभी नाम भी चिह्नित किए जा रहे हैं,जिनके घरों में लार्वा मिल रहा है। साथ ही उन परिवारों को सुरक्षा के इंतजाम बताने के साथ-साथ यह भी सलाह दी जा रही है कि वे पानी खत्म होने पर टैंक या अन्य पानी के बर्तनों को कपड़े से पूरी तरह सुखाकर ही दूसरी बार पानी भरें।
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स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटीलेटर पर होने से चिंता अधिक
शिवपुरी में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो इलाज तो दूर यहां डेंगू की जांच की भी सुविधा नहीं है। यहां से मिलने वाले संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए भी ग्वालियर भेजा जाता है और रिपोर्ट आने में ही कई दिन लग जाते हैं। एक तरफ जहां शिवपुरी जिले में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले वर्षों का रिकार्ड देखा जाए तो दो साल पूर्व शिवपुरी जिले में संभाग भर में डेंगू मरीजों की संख्या में अब्बल रहा। यदि इस बार भी हालात ऐसे बने तो स्थिति बेकाबू हो जाएगी, क्योंकि न इलाज करने वाले डॉक्टर और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं।
शिवपुरी शहर सहित जिले भर में पानी का संकट तो बना ही हुआ है, जिसके चलते लोग घरों में पानी संग्रहित करके रखते हैं। इसके अलावा यहां पर नालियों की निकासी न होने की वजह से उनमें पानी व गंदगी भरी हुई है, इसके अलावा खदानों के गड्ढे व जगह-जगह जलभराव होने से मच्छरों का लार्वा तेजी से पनप रहा है। यदि बारिश लगातार होती रहे, तो संग्रहित पानी में इकट्ठा हो रहा लार्वा भी पानी के साथ बह जाता है। यदि बारिश कुछ दिनों के लिए भी रुकी तो लार्वा जल्दी मच्छर में तब्दील हो जाएगा।
"सर्वे में लगभग हर घर में लार्वा मिल रहा है। जल संकट के बीच लोग जब दवा डालने से मना करते हैं, तो हम एक चम्मच सरसों या मीठा तेल डालने से पानी के ऊपर लेयर बन जाती है। इस लेयर के बनने से लार्वा में प्यूपा सांस नहीं ले पाता है और वो मच्छर नहीं बन पाएगा। बारिश होते ही चिंता तो बढ़ जाती है।"
लालजू शाक्य, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी
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