रंग और गुलाल पर 10 फीसदी जीएसटी कम होने के बावजूद भी इस साल बढ़ गए 10 फीसदी दाम
ग्वालियरPublished: Mar 14, 2019 01:08:26 am
– होली के चलते सजने लगी है रंग और गुलाल की दुकानें – पहले 28 फीसदी लगता था जीएसटी अब लग रहा 18 फीसदी – कच्चा माल महंगा होने के कारण रंग गुलाल के दाम बढ़े
रंग और गुलाल पर 10 फीसदी जीएसटी कम होने के बावजूद भी इस साल बढ़ गए 10 फीसदी दाम
ग्वालियर . रंगों के त्योहार होली में अब आठ दिन ही शेष रह गए हैं। इसके चलते बाजारों में रंग और गुलाल की दुकानें सजने लगी हैं। केंद्र सरकार ने रंग-गुलाल पर 10 फीसदी जीएसटी कम कर दिया है फिर भी दाम कम होने के बजाय 10 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इससे फुटकर बाजार में बिकने वाला रंग-गुलाल महंगा मिल रहा है। गत वर्ष रंग-गुलाल पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा था, जिसे हाल ही में घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। कारोबारियों की मानें तो कच्चा माल महंगा होने के कारण दामों पर असर देखने को मिल रहा है।
ये हो गए दाम
– पिछले साल लाल, पीले, हरे, केसरिया रंग 400 रुपए प्रति किलो था, इस साल 550 रुपए किलो है।
– हर्बल गुलाल के दाम पिछले साल 130 रुपए किलो थे, इस साल ये 150 रुपए किलो हो गए हैं।
– गत वर्ष अच्छी क्वालिटी का गुलाल 100 रुपए किलो था, जो इस बार 110 रुपए किलो मिल रहा है।
– पिछले साल महावरी रंग 600 रुपए किलो था, जो इस बार 800 रुपए किलो है।
– सिल्वर पेस्ट के दाम पिछले वर्ष 10 रुपए प्रति दस ग्राम थे, इस बार 12 रुपए है।
इसलिए महंगा हुआ रंग
थोक व्यापारियों के मुताबिक डॉलर का रेट बढऩे के कारण पेट्रोलियम पदार्थ महंगे हुए हैं। कच्चा माल पेट्रो प्रोडक्ट से ही तैयार होता है। इसके साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र में प्रदूषण पर कड़ाई के चलते कई फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं, इससे उत्पादन कम हुआ है। इसके साथ ही पैकिंग मटेरियल और भाड़े में भी बढ़ोतरी हुई है।
फैक्ट फाइल
– त्योहार के समय शहर में रंगों की छोटी-बड़ी करीब 500 से अधिक दुकानें लगती हैं।
– होली के सीजन में लगभग 5 से 7 करोड़ का कारोबार
– शहर में रंग और गुलाल हाथरस, दिल्ली से आने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी तैयार होता है।
10 फीसदी महंगे हैं रंग
भले ही रंग और गुलाल पर 10 फीसदी जीएसटी कम हो गया हो पर कच्चा माल, पैकिंग मटेरियल, भाड़ा आदि के दाम बढऩे के कारण पिछले साल से 10 फीसदी दाम अधिक हो गए हैं। होली के तीन दिन पूर्व बाजार में बिक्री बढ़ती है।
– केआर अष्ठाना, रंग और गुलाल के थोक कारोबारी
बिक्री पर असर हो सकता है
थोक व्यापारियों से खरीदकर लाए गए रंग और गुलाल महंगे मिल रहे हैं। ऐसे में हमें भी इन्हें महंगा बेचना पड़ेगा। गत वर्ष इनके दाम कम थे, इससे बिक्री पर असर पड़ सकता है।
– रामशरण कुशवाह, रंग और गुलाल के फुटकर कारोबारी