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सफलता के लिए पढऩे, लिखने व बोलने की कला विकसित करें

locationग्वालियरPublished: Mar 19, 2019 06:14:32 pm

Submitted by:

Avdhesh Shrivastava

माधव विधि महाविद्यालय में विधि में सफल कॅरियर बनाने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.डॉ.संजय कुलश्रेष्ठ मौजूद थे।

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सफलता के लिए पढऩे, लिखने व बोलने की कला विकसित करें

ग्वालियर . माधव विधि महाविद्यालय में विधि में सफल कॅरियर बनाने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.डॉ.संजय कुलश्रेष्ठ मौजूद थे। उन्होंने बताया कि विधि की फील्ड में कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं जिस छात्र को विधि का अच्छा ज्ञान एवं जिसके पास अच्छी वक्तव्य कला हो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने विषय पर अच्छी किताबें पढऩे की सलाह दी। मुख्य वक्ता डॉ.प्रो.रहमान देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय ने बताया कि सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करे अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्पित हों। आशावादी दृष्टिकोण से तैयारी प्रस्तुत करें। यदि आप सफल होना चाहते हैं तो अपने अंदर पढऩे, लिखने, बोलने की कला को विकसित करें। एक विषय पर अलग-अलग लेखकों की किताबें पढ़े एवं सबमें से अरिक्ति जो भी मिले उसके नोट्स बनाएं। महाविद्यालय के शासी निकाय अध्यक्ष अधिवक्ता प्रवीण निवासकर ने कहा कि सफलता एक ही दिन में नहीं मिलती किंतु यदि सही दिशा एवं उचित मार्गदर्शन में प्रयास किया जाए तो एक दिउन सफलता अवश्य मिलती है। कार्यशाला के दूसरे सत्र में फेकेल्टी एंड स्टूडेंट स्किल डेवलपमेंट पर माधव विधि महाविद्यालय की असोसियेट प्रो.ममता मिश्रा ने आर्गन ट्रांसप्लांट पर पीपीटी प्रोजेक्टर के जरिए जानकारी दी। उन्होंने आर्गन ट्रांसप्लांट क्या है वो कौन-कौन से अंग हैं जिन्हें ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। अंग प्रत्यारोपण को लेकर जो भ्रांतियां समाज में व्याप्त हैं उन्हें भी बताया। अंत में आभार प्रदर्शन प्राचार्य डॉ.नीति पाण्डेय ने किया।

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