ग्वालियर

शहर के विकास को मिलेगी रफ्तार, 750 करोड़ के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत, जल्द शुरू होंगे पानी और सीवर के काम

जल संकट के जूझ रहे शहर के लिए राहत की खबर भोपाल से आई है। इसमें अमृत सिटी के तहत तैयार किए गए पानी, सीवर, एसटीपी और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और टंकियों क

ग्वालियरAug 29, 2017 / 10:43 am

Gaurav Sen

ग्वालियर। जल संकट के जूझ रहे शहर के लिए राहत की खबर भोपाल से आई है। इसमें अमृत सिटी के तहत तैयार किए गए पानी, सीवर, एसटीपी और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और टंकियों के निर्माण के लिए तैयार किए गए करीब 750 करोड़ के कई प्रोजेक्टों के टेंडर स्वीकृत कर दिए गए हें। सोमवार को भोपाल में आयोजित हुई राज्य स्तरीय टेक्निकल समिति की बैठक में नगरीय प्रशासन आयुक्त विवेक अग्रवाल ने इन शहर के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान ग्वालियर से प्रोजेक्ट ऑफिसर शिशिर श्रीवास्तव मौजूद रहे।
 ये होगा शहर में
225 करोड़ लश्कर पूर्व
65 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
8 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
100 किलोमीटर की लाइनें डाली जाएंगी


नोट- यह कार्य जयंती सुपर गुजरात की फर्म को मिला है

174 करोड़ लश्कर दक्षिण
146 एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
4 एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
60 किलोमीटर की सीवर लाइन डाली जाएगी

नोट- यह काम दिल्ली की


फर्म को दिया गया है
280 करोड़ पूरे शहर के लिए
ठ्ठ 45 शहर के 66 वार्डों में की सीमाओं में यह पानी की टंकियां प्रस्तावित की गईं हैं
ठ्ठ 777 किलोमीटर पानी की पाइप लाइन शहर के आवश्यक स्थानों पर कई आकार में डाली जाएगी
ठ्ठ 160 एमएलडी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पुरानी छावनी पर लगाया जाएगा
50 करोड़तिघरा से नई पाइप लाइन प्लांट तक लाने का काम कांक्रीट उद्योग झांसी को दिया गया है।


नोट- यह काम जयप्रकाश इंदुलिया जोधपुर राजस्थान को मिला है


क्या है अमृत योजना
केन्द्र द्वारा करीब 1 लाख सें अधिक आबादी के समस्त नगरों को योजना में शामिल किया
पेयजल कनेक्शन एंव सीवरेज कनेक्शन का यूनिर्वसल कवरेज प्राथमिकता देने का उद्देश्य शामिल किया गया
ड्रेनेज, ग्रीनस्पेस का विकास, पब्लिक ट्रान्सपोर्ट एवं संस्थागत की क्षमता वृद्धि के घटक शामिल किए गए
10 लाख से अधिक आवादी वाले नगरो के लिए केंद्र का अंश इस प्रकार निर्धारित किया गया-
को पेयजल, सीवरेज, पब्लिक ट्रान्स्पोर्टंेशन ड्रेनेज हेतू केन्द्रांश 30 प्रतिशत तय किया गया
ग्रीन स्पेस के विकास हेतु केन्द्रांश 50 प्रतिशत का तय किया गया जबकि, संस्थागत विकास हेतु केन्द्रांश 100 प्रतिशत तय किया गया है।
नोट- उक्त योजना की घोषणा किए हुए दो साल से अधिक का समय बीत गया है। इसके कई चरणों में लागू किया जाना है। पहला चरण पूरा होने के बाद दूसरे चरण के विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। बहरहाल शहर में पानी, सीवर की समस्या बहुत अधिक है। अब जरूरत योजना के लागू होने से अधिक उसकी निगरानी की अधिक जरूरत है।

ताकि इसका भी अंजाम प्रोजेक्ट उदय की तरह ही न हो गए। क्योंकि प्रोजेक्ट उदय केतहत डाली गई पाइप लाइन कई इलाकों में फट रहीं हैं। उनके ज्वाइंट खुलने से पानी की अधिक बर्बादी हुई है।

मेट्रो के सर्वे के लिए टीम रेलवे स्टेशन पहुंची
ग्वालियर. भोपाल- इंदौर के बाद ग्वालियर में भी मेट्रो चलाने की योजना पर काम शुरु हो गया है। इसकी फिजीविलटी सर्वे करने के लिए एक टीम सोमवार को ग्वालियर के रेलवे स्टेशन पर पहुंची। शहर में मेट्रों के सर्वे के बाद टीम ने रेलवे स्टेशन के कई क्षेत्रों में जाकर यात्रियों से बातचीत की। प्लेटफार्म एक पर इसके लिए कई यात्रियों से चर्चा की।
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