उन्होंने समाज की व्यवस्था और विभाजन को लेकर एक दृष्टांत सुनाया कि एक पिता के चार बच्चे थे, चारों बहुत अच्छे थे। चारों को एक पड़ोसी ने भडक़ाना शुरू कर दिया। आपको पता है कि वो चार बच्चे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और सेवक हैं, हमारा पिता भगवान है। भगवान के इन चार बच्चों को भडक़ाने वाला पड़ोसी राजनेता है, जिन्होंने जाति का जहर ऐसा घोल दिया।
सम्मेलन की शुरुआत में मंच के सामने मौजूद युवाओं में सेल्फी और वीडियो बनाने की होड़ देखकर कथावाचक देवकीनंदर ठाकुर ने कहा कि सेल्फी की नहीं देश की चिंता करो।
6 सितंबर को होने वाले बंद को कुछ ओबीसी संगठन समर्थन देने से इनकार कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा नाम के संगठन ने कहा है कि वह आरक्षण के समर्थक हैं। खास बात यह है कि संगठन आरक्षण को लेकर समर्थन देने से इनकार कर रहा है, जबकि बंद कराने वाले एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में बंद कराने की बात कर रहे हैं।
एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अह्वान पर सभी समाजों ने मिलकर बाइक-कार रैली निकाली। कटोराताल से शुरू हुई रैली शहर के अलग-अलग मार्गों से होती हुई मोतीमहल पहुंची, जहां संभागायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। रैली में क्षत्रिय महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष राजवीर सिंह राठौर,शिवपाल सिंह कुशवाह, ब्राह्मण समाज के महेश मुदगल, बसंत पाराशर,पंजाबी समाज के दुष्यंत साहनी, महेन्द्र खत्री,जैन समाज के भूपेन्द्र जैन, निर्मल जैन, अग्रसेन समाज के महेन्द्र अग्रवाल,हरी अग्रवाल, कायस्थ समाज के राजकुमार श्रीवास्तव, रामसेवक श्रीवास्तव, गुर्जर समाज के राजपाल गुर्जर,यादव समाज के धर्मेन्द्र यादव सहित अन्य शामिल थे।